हैदराबाद।लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 23 सितंबर को विश्व भर में हैजा दिवस (World Cholera Day) मनाया जाता है. यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका किसी उम्र या पड़ाव से नाता नहीं है. यह बीमारी किसी को भी हो सकती है. हैजा रोग अक्सर दूषित भोजन और पानी के सेवन से होता है. इसमें साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना होता है. यह गंदे हाथों और नाखूनों के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी हो सकता है.
हैजा से हो जाती है मौत
प्रारंभिक स्टेज में हैजा होने से गंभीर दस्त की समस्या पैदा होती है. इसके बाद डिहाइड्रेशन (Dehydration Problem) शुरू हो जाता है. अगर समय पर इलाज न मिले तो कुछ ही घंटों (Death due to dehydration) में मौत भी हो सकती है. अच्छी बात ये है कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के दो वर्षों में हैजा के मरीजों में कमी आई है. इसका बड़ा कारण सैनेटाइजेशन है. कोरोना काल में लोगों ने दिन में कई कई बार हाथों को सैनेटाइज किया है, जिससे लोगों में जागरूकता आई है.
हैजा के लक्षण (Cholera Symptoms)
- हैजा में उल्टी, दस्त और पैर में ऐंठन होना.
- हृदय गति बढ़ना.
- ज्यादा प्यास लगना.
- बार-बार जी घबराना.
- ब्लड प्रेशर कम होना.
समय के साथ लोगों में आयी जागरुकता
दूषित भोजन व दूषित पानी हैजा का मुख्य कारण है. अब से पहले लोग अक्सर दूषित पानी (contaminated water) का सेवन करते थे, जिससे लोगों में हैजा जैसी गंभीर बीमारी पैदा हो जाती थीं. लेकिन आजकल लोगों में जागरुकता बढ़ी है. लोग आरओ का पानी (RO Water) पी रहे हैं और अपने आप को स्वच्छ रख रहे हैं. इससे भी हैजा रोग नियंत्रित हुआ है.