भोपाल। इस कोरोना महामारी के बीच जहां सरकार और प्रशासन रात दिन प्रयास करके मरीजों को बचाने और उनको सुविधाएं देने में जुटा है. वहीं दूसरी ओर भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज के कर्मचारी मरीजों के परिजनों से गलत व्यवहार करते नजर आ रहे हैं. चिरायु मेडिकल कॉलेज के प्रबंधक गौरव बजाज का कहना है कि हम सरकार के किसी नियम या आदेश को नहीं मानते. अस्पताल के प्रबंधन के अनुसार अस्पताल के मालिक डॉक्टर गोयनका ने स्टाफ को आयुष्मान कार्ड से कोविड-19 मरीज का इलाज करने से मना कर दिया है. इसके अलावा खुद अस्पताल के मैनेजर गौरव बजाज ने अपना वीडियो बनवाया और वीडियो बनवाते हुए कहा है, कि हम आयुष्मान कार्ड स्वीकार्य नहीं करेंगे, और हमने सरकार को जवाब दे दिया है. सवाल करने पर पीड़ित योगेश बलवानी को सुरक्षा गार्डों से धक्के दे कर अस्पताल से बाहर निकलवा दिया. वहीं इस मामले में अस्पताल के मालिक अजय गोयनका ने वीडियो का खंडन किया है.
- चिरायु मेडिकल कॉलेज को नहीं है प्रशासन का कोई डर
दरअसल ये पूरा मामला चिरायु अस्पताल का है. यहां पर 63 वर्षीय रुक्मिणी बलवानी कोरोना संक्रमण का इलाज करवा रही है. मरीज के बेटे योगेश बलवानी ने अस्पताल में इलाज के लिए 3 लाख 50 हजार रुपए जमा कर दिए. जब योगेश के पास पैसे नहीं बचे तो उसने सीएम चौहान की घोषणा के बाद आयुष्मान कार्ड से इलाज करवाना चाहा. लेकिन अस्पताल के प्रबंधन ने आयुष्मान कार्ड मान्य न करने का हवाला देकर मरीज का इलाज करने से मना कर दिया. जब योगेश ने जिद की तो प्रबंधक ने उसे धक्के मारकर अस्पताल से बाहर निकाल दिया.
आयुष्मान कार्ड धारक से इलाज के पैसे मांगने पर निजी अस्पताल पर कार्रवाई
- 'आयुष्मान भारत के तहत नहीं करेंगे उपचार'- प्रबंधन
योगेश बलवानी ने बताया कि 19 अप्रैल को अपनी मां को कोरोना का इलाज कराने के लिए चिरायु हॉस्पिटल में भर्ती किया था. मरीज के पास आयुष्मान भारत योजना का कार्ड भी है, इसके बाद भी हॉस्पिटल प्रबंधन ने उपचार के लिए 3 लाख रुपए जमा करवा लिए. उपचार के दौरान बीते शुक्रवार को जब मरीज के बेटे योगेश बलवानी ने हॉस्पिटल प्रबंधन से कहा कि उनके पास आयुष्मान भारत योजना का कार्ड है, तो मैनेजर गौरव बजाज ने साफ इनकार कर दिया. मैनेजर ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत उपचार नहीं करेंगे, जो करना हो कर लो. इतना ही नहीं इस बारे में जब योगेश ने डॉक्टर गोयनका से बात की तो उन्होंने भी धुत्कारते हुए कहा कि 'तुझे सीएम के पास शिकायत करना है कर दे, कलेक्टर के पास शिकायत करना है, दिल्ली भेजना है भेज दे जो करना है कर ले. हम आयुष्मान भारत योजना के तहत उपचार नहीं करेंगे.
- मरीज के के भर्ती होने के बाद आया आदेश