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Healthy Diet के बाद भी बच्चों की याद्दाश्त कमजोर कर रहा मोबाइल, ऐसे करें अपने लाडले की देखभाल - kids mobile

बच्चे मन के सच्चे तो होते ही हैं, पर मन के कच्चे भी होते हैं, यानि कच्चे घड़े की तरह कुम्हार चाहे तो अपने मनमाफिक उसे आकार दे, ऐसा ही बच्चों के भी मामले में होता है क्योंकि बच्चे अपने आसपास जो देखते हैं, वही सीखते हैं, लेकिन लॉकडाउन ने बच्चों का प्रवेश इंटरनेट की दुनिया में करा दिया है, जिसमें बच्चों का ज्यादातर समय बीत रहा है, इसी वजह से बच्चे नींद नहीं ले पा रहे हैं, जिससे उनकी याद्दाश्त कमजोर होने लगी है.

Children memory getting weak even after healthy diet
Healthy Diet के बाद भी कमजोर हो रही बच्चों की याद्दाश्त

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Published : Oct 16, 2021, 9:12 AM IST

Updated : Oct 16, 2021, 9:44 AM IST

भोपाल। आधुनिकता की भागमभाग भरी लाइफस्टाइल में हर किसी का जीवन परिवर्तित हो रहा है, खासकर बच्चों में एक नई बीमारी भी सामने आ रही है और वह है भूलने की बीमारी. बच्चे कोई भी बात ज्यादा समय तक याद नहीं कर पाते हैं और याद भी रहती है तो 1 से 2 दिन बाद भूल जाते हैं. इस तरह के केस लगातार डॉक्टर्स के सामने आ रहे हैं. न्यूरो फिजीशियन एवं सर्जन डॉक्टर अंजीव चौरसिया कहते हैं कि ज्यादा देर तक मोबाइल पर रहने से कई चीजें याद नहीं रहती तो बच्चे फिजिकली रूप से उन चीजों से नहीं जुड़ पाते हैं, ऐसे में या तो बहुत ज्यादा नींद के शिकार होते हैं या भूलने की बीमारी बढ़ रही है.

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घंटे भर में चली जाती है बच्चों की याद्दाश्त

आपने कुछ ऐसे बच्चों को देखा होगा, जो हर चीज तुरंत याद कर लेते हैं, कोई भी बात हो, वे उसे भूलते नहीं हैं. अभिभावकों व शिक्षकों की बताई गई कोई भी बात हो, वे जल्द सीख लेते हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं, जो कुछ घंटे पहले बताई गई बात को भी ठीक से याद नहीं रख पाते हैं, यदि काफी समय लगाकर कोई चीज सीख ली हो या कोई बात याद कर भी ली हो तो वे उसे जल्द ही भूल भी जाते हैं. ऐसी स्थिति आजकल हर जगह हो गई है, ऐसे में इस समस्या से जूझ रहे माता-पिता अपने बच्चों को लेकर डॉक्टर के पास जा रहे हैं.

इस वजह से कुछ घंटों में चली जाती है याद्दाश्त

न्यूरो फिजिशियन एवं सर्जन डॉक्टर अंजीव चौरसिया बताते हैं कि लगातार मोबाइल का उपयोग करने के कारण बच्चों की स्मरण शक्ति पर भी प्रभाव पड़ा है. बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं और मोबाइल में इतना घुसे हुए हैं कि वह फिजिकली उन चीजों को समझ ही नहीं पाते हैं. ऐसे में जब वह स्कूल जाते हैं तो या तो कक्षाओं में सो जाते हैं या वह चीजें कुछ घंटों बाद ही भूल जाते हैं. यह स्थिति अब सामान्य रूप से हर जगह देखने को मिल रही है और उनके पास भी इस तरह की मरीज आ रहे हैं.

नींद नहीं पूरी होने से कमजोर हो रही याद्दाश्त

याद्दाश्त भूलने वालों में वे बच्चे भी शुमार हैं, जिनका खान-पान भी अच्छा है, वह समय पर डाइट लेते हैं, न्यूट्रिशंस लेते हैं. बावजूद इसके वह चीजें भूल जाते हैं. डॉक्टर बताते हैं कि अधिकतर मोबाइल का उपयोग करने के कारण बच्चे इतनी नींद नहीं ले पाते हैं, जितनी शरीर को जरूरत होती है. हर व्यक्ति के शरीर को 7 से 8 घंटे की नींद की जरूरत होती है, ऐसे में बच्चे जब ज्यादा सो नहीं पाते और पढ़ाई का प्रेशर रहता है या रात भर ज्यादा समय तक मोबाइल चलाते हैं, जिसकी वजह से उनकी स्मरण शक्ति कमजोर होने लगी है.

ऐसे बढ़ा सकते हैं बच्चों की स्मरण शक्ति

  • खाने में दूध-अंडे के साथ फल में सेब दें और कुछ पौष्टिक तत्व, मूंगफली-बादाम भी दे सकते हैं.
  • बच्चे को व्यायाम की आदत डालें, व्यायाम से न केवल शरीर फिट रहता है, बल्कि दिमाग में ऑक्सीजन की सप्लाई भी अच्छे से होती है, जो दिमाग को शार्प करती है.
  • बच्चों को 8-9 घंटे की नींद रोज लेना चाहिए, नींद पूरी होने पर बच्चा किसी भी काम में ध्यान अच्छे से दे पाएगा.
  • जरूरी चीजें लिख लें, लिखने से चीजों को याद रखने में आसानी होती है और खुद की लिखी चीजें लंबे समय तक याद रहती हैं.
  • कई बार बच्चे जो पाठ पढ़कर याद नहीं कर पाते, वही पाठ उन्हें देखकर याद हो जाता हैं, जैसे फोटोग्राफ, चार्ट, टेबल वगैरह. अगर बच्चे को कोई चीज याद नहीं हो रही हो तो उन्हें माइंड में ही उसकी कोई इमेज बनाकर उस चीज को याद करने के लिए कहें.
  • बच्चा जो याद करना चाहता है, उसे जोर-जोर से पढ़ या बोलकर याद करने से भी उसे चीजें जल्दी याद होंगी.
Last Updated : Oct 16, 2021, 9:44 AM IST

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