भोपाल। राजधानी भोपाल में जुलाई के महीने में कोरोना वायरस ने तबाही मचाई हुई है. भोपाल में रोजाना ही अब 90 से ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं. यदि हम आयु वर्ग पर नजर डालें तो भोपाल में एक भी ऐसा आयु वर्ग नहीं है, जो कोरोना वायरस के चपेट में न आया हो.
शहर में 9 दिन की बच्ची से लेकर 90 साल के बुजुर्ग तक को कोरोना वायरस ने संक्रमित किया है. लेकिन कोरोना अब राजधानी भोपाल में छोटे बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है. जो बच्चे संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं, वो वह अपने परिवार जनों के कारण ही संक्रमित हुए हैं. परिवारजनों की लापरवाही के चलते अब इन छोटे बच्चों पर भी कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है.
आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक भोपाल में 3789 केस सामने आ चुके है, जिनमें से 123 मरीजों की मृत्यु दर्ज की गई है.
पिछले 10 दिनों के आंकड़ों पर नजर डाले तो यह बात सामने आती है कि 1 जुलाई से लेकर 10 जुलाई के बीच में 0 से लेकर 15 साल के करीब 33 बच्चे संक्रमण की चपेट में आए हैं. इससे पहले 21 जून से 30 जून के बीच 0 से लेकर 15 साल के 21 बच्चे संक्रमित हुए हैं.
इस कठिन दौर में अपने बच्चों को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है, इस बारे में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ज्योत्सना श्रीवास्तव ने सुझाव दिए हैं. उनका का कहना है कि सबसे पहले घर पर भी हैंड हाइजीन का ख्याल रखना जरूरी है. समय-समय पर हाथ धोते रहें और इसकी आदत बच्चों में भी डालें. घर पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें. यदि घर में ज्यादा लोग हैं तो मिनिमम 2 मीटर की दूरी रखें.