भोपाल। प्रदेश में कोरोना को लेकर मंत्रालय में लगातार समीक्षा बैठक की जा रही है, लेकिन प्रदेश के कई जिले अभी भी कोरोना से संक्रमित हैं. अनलॉक वन की शुरूआत के बाद से ही कई जिलों में संक्रमण का असर तेजी से बढ़ता दिखाई दे रहा है. भोपाल-इंदौर-उज्जैन के अलावा अब तक सुरक्षित माने जाने वाले जिले और कुछ ग्रामीण क्षेत्र भी संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. ऐसी स्थिति में संक्रमण को रोकना भी एक बड़ी चुनौती सरकार के सामने दिखाई दे रहr है.
मंत्रालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना को लेकर समीक्षा की गई है. समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि संक्रमण को पूरी तरह समाप्त करने के लिए तेजी से प्रयास शुरू किया जाएं. सर्दी-खांसी और बुखार के मरीजों को भी हर हाल में चिन्हित कर उनकी जांच की जाए. बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की गति निरंतर धीमी हो रही है. देश की तुलना में मध्यप्रदेश की संक्रमण ग्रोथ रेट आधी हो गई है.
पूरी तरह से रोका जाए संक्रमण
सीएम ने निर्देश दिए कि इस सप्ताह के अंत में भोपाल नगर के प्रत्येक वार्ड में स्वास्थ्य टीम पहुंचकर स्वास्थ्य परीक्षण करें. हमें हर संक्रमित व्यक्ति को ढूंढ़कर उसका इलाज करना है और संक्रमण को पूरी तरह रोकना है. सीएम ने बताया कि प्रदेश की कोरोना ग्रोथ रेट 1.82 प्रतिशत है, जबकि भारत की 3.67 प्रतिशत है. इसी प्रकार मध्यप्रदेश की कोरोना डबलिंग रेट 38.43 दिन है, जबकि भारत की 19.23 प्रतिशत है. हमारी एक्टिव प्रकरणों की संख्या 2 हजार 455 हो गई है. नए 148 मरीज मिले हैं, जबकि 249 मरीज स्वस्थ होकर घर गए हैं.
कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग पर ध्यान दें
उज्जैन जिले की समीक्षा के दौरान सीएम ने निर्देश दिए गए कि वहां कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग पर और ध्यान दिया जाए, जिससे कोरोना संक्रमण पूरी तरह रोका जा सके. उज्जैन में 819 पॉजिटिव प्रकरणों में 103 एक्टिव हैं और 649 स्वस्थ हो गए हैं.
वहां की रिकवरी रेट 80 प्रतिशत है. सीएम ने निर्देश दिए कि सभी मेडिकल स्टोर्स उनकी दुकान से बुखार, खांसी बुखार की दवा खरीदने वाले ग्राहकों की जानकारी ड्रग इंस्पेक्टर, चिकित्सा अधिकारी को दें. इससे संक्रमण की ट्रेसिंग करने में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिले में कोरोना की मॉनिटरिंग के लिए नियुक्त प्रभारी अधिकारी अपने प्रभार के जिलों में कोरोना की स्थिति पर विशेष ध्यान दें. कलेक्टर्स का मार्गदर्शन करें कि किस प्रकार जिलों में कोरोना संक्रमण पूरी तरह खत्म हो और हर मरीज स्वस्थ हो.