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राष्ट्रीय पुलिस स्मारक को देखना एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण- मुख्यमंत्री कमलनाथ

मुख्यमंत्री कमलनाथ नई दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पहुंचकर शौर्य शिला पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर शहीदों को नमन किया.

Chief Minister reached the National Police Memorial and saluted the martyrs on the Shaurya rock
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पहुंचकर शौर्य शिला पर शहीदों को नमन किया

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Published : Mar 1, 2020, 4:38 AM IST

भोपाल| मुख्यमंत्री कमलनाथ नई दिल्ली के दौरे पर गए हुए हैं. यहां पर उनकी कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात भी प्रस्तावित है, लेकिन कार्यक्रमों की व्यस्तता से समय निकालकर मुख्यमंत्री कमलनाथ नई दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पहुंचकर शौर्य शिला पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर शहीदों को नमन किया. इस दौरान सीमा सुरक्षा बल की टुकड़ी के द्वारा मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित भी किया गया है .

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय पुलिस संग्रहालय, शौर्य गाथा खण्ड और मध्यप्रदेश पुलिस को समर्पित खण्ड का अवलोकन किया. संग्रहालय में मुख्यमंत्री ने आगन्तुक पुस्तिका में व्यक्तिगत विचार व्यक्त करते हुए लिखा कि- ''राष्ट्रीय पुलिस स्मारक को देखना एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण. इसमें पुलिस बल की महिमा और वीरता का बखूबी बखान किया गया है . यह स्मारक राष्ट्रीय पुलिस स्थापना के इतिहास और वीरता का परिचायक है''.

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पहुंचकर शौर्य शिला पर शहीदों को नमन किया

इस अवसर पर प्रदेश के पुलिस महानिर्देशक वीके सिंह, बीएसएफ के डीजी विवेक जौहरी, मध्यप्रदेश पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश जैन सहित राज्य एवं केन्द्र सरकार के कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे.

देश की राजधानी नई दिल्ली के चाणक्यपुरी क्षेत्र में बने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक परिसर में शौर्य शिला की स्थापना उन बलिदानी पुलिसकर्मियों के सम्मान में की गई है, जिन्होंने राष्ट्रीय एकता, अखण्डता और सुरक्षा को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. यहां स्थित संग्रहालय भी शहीद पुलिसकर्मियों की स्मृतियां संजोने के लिए समर्पित है.

राष्ट्रीय पुलिस संग्रहालय में पुलिस प्रणाली के इतिहास और उसमें निरन्तर होने वाले विकास को प्रदर्शित किया गया है. इसी तरह शौर्य गाथा खण्ड में उन 35 हजार 134 पुलिसकर्मियों के नाम दर्ज हैं, जिन्होंने आजादी के बाद कर्तव्य पालन के लिए अपने प्राणों की आहुति दी.

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