भोपाल| पर्यटन के क्षेत्र को और ज्यादा विकसित करने की दृष्टि से देर शाम मंत्रालय में मुख्यमंत्री कमलनाथ के द्वारा वन एवं वन्य प्राणी क्षेत्रों में इको टूरिज्म के लिए भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित नीति के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई है. इस दौरान पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई कार्य योजना विकसित करने के निर्देश भी दिए गए हैं. इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने वन संरक्षण अधिनियम 1980 में रियायत देने की बात भी अधिकारियों से की है, ताकि पर्यटन को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा मिल सके.
वन संरक्षण अधिनियम में दी जाए आवश्यक रियायत ताकि पर्यटन को मिले बढ़ावा : कमलनाथ
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भोपाल में टूरिज्म विभाग की बैठक ली. जिसमें उन्होनें पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई कार्य योजना विकसित करने के निर्देश भी दिए गए हैं. इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने वन संरक्षण अधिनियम 1980 में रियायत देने की भी बात कही.
अधिकारियों से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कार्य-योजना ऐसी हो, जिससे मध्यप्रदेश देश में पर्यटन के नक्शे पर एक प्रमुख राज्य के रूप में अपनी पहचान कायम कर सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि ईको टूरिज्म के संबंध में भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित ड्राफ्ट पॉलिसी में प्रावधानित नियम पूर्व से ही मध्यप्रदेश में लागू हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से भारत सरकार से आग्रह किया जाए कि वन संरक्षण अधिनियम 1980 में कुछ आवश्यक रियायत दी जाए, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिले.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश पर्यटन की दृष्टि से एक बेहतर राज्य है। जरूरी है कि हम ऐसी कार्य-योजना बनाएं, जिससे हम देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो सकें. उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें नई सोच के साथ काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रीय उद्यानों में विश्व के पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता है. जरूरत इस बात की है कि हम पर्यटन की इस संपदा को पहचाने और प्रदेश के व्यापक हित में इसका उपयोग करें. मुख्यमंत्री कहा कि अगर हमने अकेले पर्यटन क्षेत्र को पूर्णत: विकसित कर दिया, तो इसके जरिए हम बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध करवा सकते हैं और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दे सकते हैं.