भोपाल। शासकीय महाविद्यालयों में पीएसी से चयनित किए गए असिस्टेंट प्रोफेसर जहां अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर पिछले 3 दिनों से भोपाल के नीलम पार्क में धरनS पर बैठे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ अतिथि विद्वानों ने छिंदवाड़ा कूच कर मुख्यमंत्री कमलनाथ से अपना वचन पूरा करने की मांग की है. छिंदवाड़ा पहुंचे अतिथि विद्वानों को पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया था. इन परिस्थितियों के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार देर रात को एक ट्वीट करके आंदोलनरत असिस्टेंट प्रोफेसर और अतिथि विद्वानों को वचन निभाने का भरोसा दिया है. मुख्यमंत्री ने जहां चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर के जल्द नियुक्ति पत्र जारी होने की बात कही, तो वहीं अतिथि विद्वानों को यथावत रखे जाने का आश्वासन दिया है.
आंदोलनरत असिस्टेंट प्रोफेसर और अतिथि विद्वानों को मुख्यमंत्री ने दी राहत, जल्द जारी होंगे नियुक्ति पत्र - छिंदवाड़ा
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार देर रात को एक ट्वीट करके आंदोलनरत असिस्टेंट प्रोफेसर और अतिथि विद्वानों को वचन निभाने का भरोसा दिया है. मुख्यमंत्री ने जहां चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर के जल्द नियुक्ति पत्र जारी होने की बात कही, तो वहीं अतिथि विद्वानों को यथावत रखे जाने का आश्वासन दिया है.
सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि 'मेरे द्वारा प्रदेश में पीएससी से चयनित विद्वानों के लिए नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश दे दिए हैं, इसमें संशय की कोई गुंजाइश नहीं है. साथ ही जो अतिथि विद्वान पहले से कार्यरत हैं, वो भी यथावत रहेंगे.' मुख्यमंत्री के ट्वीट को लेकर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अब्बास हफीज खान ने कहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निर्देश दिए हैं कि जो असिस्टेंट प्रोफेसर पीएससी से चयनित हैं, उनके नियुक्ति पत्र जारी किए जाएं. वहीं उन अतिथि शिक्षकों को यथावत रखा जाए, जो पहले से कार्यरत हैं.
प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री हर वचन को पूरा करने के लिए दिन रात एक कर रहे हैं. बीजेपी सिर्फ और सिर्फ एक आलोचना करने वाला विपक्ष रह गई है. बीजेपी की सकारात्मक सोच होती तो प्रदेश को आगे ले जाने के लिए हर संभव प्रयास करते ना कि सिर्फ आलोचना करते. उन्होंने कहा कि अतिथि विद्वानों को भ्रम की स्थिति के अंदर भाजपा ने नकारात्मक विपक्ष की हैसियत से आंदोलन के लिए उकसाया है, लेकिन तमाम लोगों को मध्यप्रदेश सरकार से राहत मिलती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने प्रदेश का वो हाल किया है, जिसमें सुधार करना असंभव है, लेकिन कमलनाथ जैसा मुख्यमंत्री प्रदेश को मिला है. जिनके राज में मध्यप्रदेश बेहतरी की तरफ जा रहा है.