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chhath Puja 2021: आस्था के महापर्व में शामिल हुए सीएम शिवराज, लोगों से की दो अपील

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Published : Nov 10, 2021, 8:42 PM IST

chhath Puja 2021: लोक आस्था का महापर्व बिहार-झारखंड, यूपी सहित कई राज्यों में मनाया जा रहा है. भोपाल में भी छठ पर्व की छटा देखने को मिली. इस पूजा में सीएम शिवराज भी शामिल हुए, जहां उन्होंने इस कठिन व्रत के लिए बिहारवासियों की तारीफ की. साथ ही प्रदेश के लोगों से दो काम करने की अपील भी की.

chhath Puja 2021
आस्था के महापर्व में शामिल हुए सीएम शिवराज

भोपाल। chhath Puja 2021: आस्था के महापर्व कहे जानेवाले छठ की धूम है. मध्यप्रदेश में भी सूर्य की उपासना का महापर्व छठ धूमधाम से मनाया जा रहा है. बड़े तालाब के शीतल दास की बगिया पर सूर्य पूजा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) शामिल हुए हैं इस दौरान मुख्यमंत्री ने बड़े तालाब में सूर्य की पूजा कर दीप अर्पण किया. सीएम ने इसे प्रकृति की पूजा बताया और लोगों से पर्व-त्योहार पर पेड़ लगाने को कहा, साथ ही कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाने की प्रदेशवासियों से अपील की.

आस्था के महापर्व में शामिल हुए सीएम शिवराज


छठ पूजा पर सीएम की दो अपील

शीतलदास की बगिया पर सैकड़ों की संख्या में श्रदालु डूबते हुए सूरज को अर्घ्य देने के लिये घाट पर पहुंचे थे, जहां प्रशासन ने तमाम तैयारी कर रखी थी. वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंच कर श्रदालुओं पर पुष्प वर्षा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने भी दीप दान किया. मुख्यमंत्री ने बिहारवासियों की तारीफ करते हुए उनके मेहनत और समपर्ण की तारीफ की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं को दो संकल्प दिलाये, जिसमें सभी के जन्मदिन सहित शुभ कार्यों में एक पेड़ लगाने की परंपरा को शामिल करने की अपील, साथ ही सभी से कोरोना की दूसरी डोज लगवाने की अपील की.

आस्था के महापर्व में शामिल हुए सीएम शिवराज

कैसे करते हैं छठ महापर्व

छठ पूजा में कार्तिक षष्ठी के दिन संध्याअर्घ्य दिया जाता है। इस दिन शाम को सूर्य देव को अर्घ्य देकर उनका पूजन किया जाता है. इस दौरान प्रसाद और फल टोकरी और सूप में रखे जाते हैं. सभी व्रती ढलते सूरज को अर्घ्य देते हैं. छठी मैया को ठेकुआ, मालपुआ, खीर-पूड़ी, खजूर, सूजी का हलवा, चावल का बना लड्डू, जिसे लडुआ भी कहते हैं आदि प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है. छठी मैया की कथा सुनते हैं. छठी तिथि को शाम को अर्घ्य के बाद रात को सूर्य देवता का ध्यान और छठी मैया के गीत गाए जाते हैं. इसके बाद सुबह सप्तमी के दिन सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में सभी घाट पर पहुंचते हैं और उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इसके बाद व्रत का पारण करते हुए पूजा संपन्न होती है.

आस्था के महापर्व में शामिल हुए सीएम शिवराज

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