भोपाल।कोरोना महामारी से जूझ रहे सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में पहली बार वर्चुअल कैबिनेट बैठक आयोजित की गई. कैबिनेट बैठक में शिवराज सरकार के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमित होने की वजह से एडमिट होने के बाद भी मुख्यमंत्री लगातार प्रदेश के हित में सक्रिय बने हुए हैं और लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित कर रहे हैं. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इस कैबिनेट बैठक को हमेशा याद रखा जाएगा.
शिवराज कैबिनेट की लगी मुहर शिवराज कैबिनेट के अहम फैसले
चंबल प्रोग्रेस-वे को मिली मंजूरी
मंगलवार को शिवराज कैबिनेट की बैठक में चंबल एक्सप्रेस वे का नाम बदलकर चंबल प्रोग्रेस-वे करते हुए इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई है. यह 309 किलोमीटर का फोरलेन बनेगा. कैबिनेट में इसका अनुमोदन कर दिया है. और अब यह भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बनेगा. चंबल प्रोग्रेस-वे में भूमि अधिग्रहण में किसानों को भूमि की अदला-बदली की जाएगी.
22 ग्राम पंचायतों को बनाया जाएगा नगर पंचायत
शिवराज कैबिनेट की बैठक में 22 ग्राम पंचायतों को फिर नगर पंचायत बनाने का फैसला किया गया है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता ऋण योजना को मंजूरी दी गई है. प्रधानमंत्री सुनिधि योजना को नगर पालिका से लेकर इसे ग्राम पंचायत तक ले जाया जाएगा. नगर पंचायत, ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत स्तर तक प्रभारी मंत्री और स्थानीय मंत्री कार्यक्रम करके ग्रामीण पथ विक्रेता ऋण योजना के तहत ऋण बांटेगे.
अस्पतालों में बेड बढ़ाने के निर्देश
कैबिनेट की बैठक में कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट को भी रखा गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि मध्यप्रदेश में 20 हजार से ज्यादा लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं. मध्य प्रदेश का रिकवरी रेट फिर 70 फीसदी के करीब पहुंच चुका है. बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हॉस्पिटल में बेड की संख्या 12 हजार तक किया जाए. अभी प्रदेश में बेड की संख्या करीब 8000 है. इसी तरह आईसीयू की संख्या 1700 तक करने के निर्देश दिए गए हैं. अभी प्रदेश में महज 827 आईसीयू बेड हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना से निपटने के लिए लॉकडाउन स्थाई समाधान नहीं है. दूसरे विकल्पों पर भी विचार किया जाना चाहिए.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि मंत्री 15 अगस्त तक कार्ययोजना बनाएं. कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने निर्देश दिया है कि सभी मंत्री आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने के लिए मंत्री अपने-अपने विभाग की 15 अगस्त तक कार्य योजना तैयार करें.