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केंद्र ने दी जानकारी, आरोग्य सेतु ऐप से निजी ई-फार्मेसी कंपनी का लिंक हटाया गया

केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को जानकारी दी कि आरोग्य सेतु ऐप से निजी ई-फार्मेसी कंपनी का लिंक हटा दिया गया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 9 जून को होगी.

Delhi high court
दिल्ली हाईकोर्ट

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Published : May 29, 2020, 6:36 PM IST

नई दिल्ली/भोपालआरोग्य सेतु ऐप से निजी ई-फार्मेसी कंपनी का लिंक हटा दिया गया है. आज इस बात की सूचना केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को दी. केंद्र सरकार की ओर से वकील मनिंदर आचार्य ने कोर्ट को बताया कि अब आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल करने वाले किसी व्यक्ति को निजी वेबसाइट का लिंक नहीं मिलेगा. इस मामले पर अगली सुनवाई 9 जून को होगी.

केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया

सुनवाई के दौरान जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने मनिंदर आचार्य से पूछा कि जब दिल्ली हाईकोर्ट ने दवाईयों की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगा रखी है, तब क्या केंद्र सरकार किसी ई-फार्मेसी कंपनी को वेबसाइट पर लिस्ट करने की अनुमति दे सकती है. कोर्ट ने कहा कि लगता है कि केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है. कोर्ट ने इस बात को नोट किया कि आरोग्य सेतु ऐप पर लिस्टिंग के लिए वैसी कंपनी को लिस्ट की जाती है, जो दस हजार पिन कोड के इलाके को कवर करती हो.

लाइसेंस देने की अनुमति नहीं

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या पूरे भारत में दवाईयों के डिस्ट्रीब्यूशन के लिए लाइसेंस जारी किया गया है, तब याचिकाकर्ता की ओर वकील सुधीर नंद्राजोग औऱ अमित गुप्ता ने कहा कि पूरे भारत में दवाईयों की ऑनलाइन बिक्री के लिए लाइसेंस देने की अनुमति नहीं देता है. किसी भी ई-फार्मेसी कंपनी को दवाईयों की बिक्री करने और उनका डिस्ट्रीब्यूशन करने के लिए लाइसेंस नहीं है. उन्होंने कहा कि दवाईयों की बिक्री, उनका प्रदर्शन या उनके डिस्ट्रीब्यूशन के लिए लाइसेंस केवल उसी परिसर के लिए दी जाती है. जहां से वे ऑपरेट करते हैं. केवल उन्हीं फार्मासिस्ट को दवाईयों के होम डिलीवरी की छूट है, जिनके पास नियमों के मुताबिक वैध लाइसेंस हो. सरकार ने किसी भी ई-फार्मेसी कंपनी को ऑपरेट करने की अनुमति नहीं दी है और आरोग्य सेतु ऐप पर इनके वेबसाइट को लिंक करना गैरकानूनी है.

केंद्र से निर्देश लेने को कहा

सुनवाई के दौरान मनिंदर आचार्य ने कहा कि वे इस स्थिति में नहीं हैं कि वे बता सकें कि किसी ई-फार्मेसी कंपनी को पूरे भारत में दवाईयों की बिक्री के लिए लाइसेंस दिया गया है कि नहीं. तब कोर्ट ने कहा कि आप इस मामले पर केंद्र सरकार से निर्देश लेकर आइए. कोर्ट ने केंद्र सरकार से ये भी पूछा कि आरोग्य सेतु ऐप पर सामान्य फार्मेसी स्टोर को लिस्ट क्यों नहीं किया गया है.

सरकार ई-फार्मेसी कंपनियों को कैसे प्रमोट कर सकती है?

पिछले 14 मई को हाईकोर्ट ने आरोग्य सेतु ऐप से एक ई-फार्मेसी कंपनी से लिंक करने पर रोक लगाने की मांग पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील सुधीर नंद्राजोग, अमित गुप्ता और मानसी कुकरेजा ने कोर्ट को नीति आयोग के सीईओ की ओर से इस संबंध में किए गए ट्वीट्स के बारे में बताया था, जिसमें लाइसेंस धारकों द्वारा होम डिलीवरी की बात कही गई है. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि हाईकोर्ट ने ई-फार्मेसी कंपनियों को ऑनलाइन दवाईयां बेचने पर रोक लगाई है. ऐसे में सरकार उन्हें कैसे प्रमोट कर सकती है.

वेबसाइट पर लिस्ट करने की क्या जरुरत?

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से एएसजी मनिंदर आचार्य और कीर्तिमान सिंह ने कहा था कि अभी असाधारण परिस्थिति आई है. कोरोना मरीजों को दवाईयां आसानी से मिल सके, इसके लिए आरोग्य सेतु ऐप को डेवलप किया गया है. तब कोर्ट ने पूछा था कि जब होम डिलीवरी की अनुमति है तो स्थानीय दवा दुकानदार दवा की सप्लाई क्यों नहीं कर सकता है. इसके लिए वेबसाइट पर लिस्ट करने की क्या जरुरत है?

सरकार निजी कंपनी को प्रमोट नहीं कर सकती

याचिका साउथ केमिस्ट एंड डिस्ट्रिब्यूटर्स एसोसिएशन ने दायर किया है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील अमित गुप्ता और मानसी कुकरेजा ने कहा है कि आरोग्य सेतु ऐप से http://www.aarogyasetumitr.in नामक वेबसाइट को लिंक किया गया है. ये बेवसाइट दवाईयों की बिक्री, उनका मार्केटिंग और प्रमोशन करती है. किसी सरकारी ऐप का इस्तेमाल किसी निजी वाणिज्यिक उपक्रम को बढ़ावा देने में नहीं किया जा सकता है.

बेवसाइट को तत्काल बंद करने की मांग

याचिका में कहा गया है कि कोर्ट इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय को निर्देश दे कि वो नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर और नीति आयोग को निर्देश दे कि आरोग्य सेतु ऐप से मिले-जुले नामों का इस्तेमाल निजी वाणिज्यिक हितों को पूरा करने के लिए नहीं हो. आरोग्य सेतु ऐप का होम पेज खुद ही इस वेबसाइट का लिंक देता है. याचिका में कहा गया है कि इस बेवसाइट को तत्काल बंद करने का आदेश दिया जाए.

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