नई दिल्ली/भोपालआरोग्य सेतु ऐप से निजी ई-फार्मेसी कंपनी का लिंक हटा दिया गया है. आज इस बात की सूचना केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को दी. केंद्र सरकार की ओर से वकील मनिंदर आचार्य ने कोर्ट को बताया कि अब आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल करने वाले किसी व्यक्ति को निजी वेबसाइट का लिंक नहीं मिलेगा. इस मामले पर अगली सुनवाई 9 जून को होगी.
केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया
सुनवाई के दौरान जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने मनिंदर आचार्य से पूछा कि जब दिल्ली हाईकोर्ट ने दवाईयों की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगा रखी है, तब क्या केंद्र सरकार किसी ई-फार्मेसी कंपनी को वेबसाइट पर लिस्ट करने की अनुमति दे सकती है. कोर्ट ने कहा कि लगता है कि केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है. कोर्ट ने इस बात को नोट किया कि आरोग्य सेतु ऐप पर लिस्टिंग के लिए वैसी कंपनी को लिस्ट की जाती है, जो दस हजार पिन कोड के इलाके को कवर करती हो.
लाइसेंस देने की अनुमति नहीं
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या पूरे भारत में दवाईयों के डिस्ट्रीब्यूशन के लिए लाइसेंस जारी किया गया है, तब याचिकाकर्ता की ओर वकील सुधीर नंद्राजोग औऱ अमित गुप्ता ने कहा कि पूरे भारत में दवाईयों की ऑनलाइन बिक्री के लिए लाइसेंस देने की अनुमति नहीं देता है. किसी भी ई-फार्मेसी कंपनी को दवाईयों की बिक्री करने और उनका डिस्ट्रीब्यूशन करने के लिए लाइसेंस नहीं है. उन्होंने कहा कि दवाईयों की बिक्री, उनका प्रदर्शन या उनके डिस्ट्रीब्यूशन के लिए लाइसेंस केवल उसी परिसर के लिए दी जाती है. जहां से वे ऑपरेट करते हैं. केवल उन्हीं फार्मासिस्ट को दवाईयों के होम डिलीवरी की छूट है, जिनके पास नियमों के मुताबिक वैध लाइसेंस हो. सरकार ने किसी भी ई-फार्मेसी कंपनी को ऑपरेट करने की अनुमति नहीं दी है और आरोग्य सेतु ऐप पर इनके वेबसाइट को लिंक करना गैरकानूनी है.
केंद्र से निर्देश लेने को कहा
सुनवाई के दौरान मनिंदर आचार्य ने कहा कि वे इस स्थिति में नहीं हैं कि वे बता सकें कि किसी ई-फार्मेसी कंपनी को पूरे भारत में दवाईयों की बिक्री के लिए लाइसेंस दिया गया है कि नहीं. तब कोर्ट ने कहा कि आप इस मामले पर केंद्र सरकार से निर्देश लेकर आइए. कोर्ट ने केंद्र सरकार से ये भी पूछा कि आरोग्य सेतु ऐप पर सामान्य फार्मेसी स्टोर को लिस्ट क्यों नहीं किया गया है.