भोपाल/दिल्ली । छात्रवृत्ति के नियमों को केन्द्र सरकार ने सरल बनाया है. सरकार ने अब ऐसा प्रावधान किया है कि छात्रवृत्ति का 60 फीसदी खर्च केन्द्र और 40 फीसदी खर्च राज्य सरकार उठा रही है.
केन्द्र ने कम किया राज्यों का बोझ
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने राज्य सभा में बताया कि पहले राज्य सरकारों पर छात्रवृत्ति का बोझ ज्यादा पड़ता था. जो राज्य पंच वर्षीय योजना के दौरान जितना ज्यादा पैसा छात्रवृत्ति के लिए देता था, उसे आगे भी उतना ही पैसा देना होता था. इस तरह ये राज्य सरकारों पर बोझ की तरह हो गया था.इसका असर ये हुआ कि कुछ राज्यों को छात्रवृत्ति देना बंद करना पड़ा. उस फॉर्मूले के हिसाब से आधे से अधिक राज्यों को केन्द्र से एक भी पैसा नहीं मिलता था.