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मप्र युवा कांग्रेस चुनाव के बाद जारी हुए वोट रद्द करने के नियम, राहुल गांधी से की शिकायत

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Published : Dec 16, 2020, 4:17 PM IST

मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस चुनाव के मतदान के 3 दिन बाद वोट रद्द करने के नियम जारी किए जाने की शिकायत राहुल गांधी से की गई है. मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार विवेक त्रिपाठी का कहना है कि मुझे विश्वास है कि जो भी निर्णय लिया जाएगा वह युवा कांग्रेस के साथियों को दृष्टिगत रखते हुए लिया जाएगा.

Rahul Gandhi-Vivek Tripathi
राहुल गांधी-विवेक त्रिपाठी

भोपाल। मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस चुनाव के मतदान के 3 दिन बाद वोट रद्द करने के नियम जारी किए जाने पर युवा कांग्रेस के सदस्यों और चुनाव के उम्मीदवारों में नाराजगी बढ़ गई है. इस मामले की शिकायत राहुल गांधी से की गई है. चुनाव के उम्मीदवारों का कहना है कि अगर ऐसे कोई नियम बनाए गए थे, तो वह मतदान के पहले जारी किए जाने थे. वैसे भी साढ़े तीन लाख सदस्यों में से आधे से ज्यादा मतदान से वंचित रह गए हैं. मतदान के बाद अगर उनका वोट रद्द किया जाएगा, तो चुनाव प्रक्रिया पर विश्वास उठ जाएगा. इस मामले में युवा कांग्रेस ने राहुल गांधी से शिकायत की है. वहीं मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रभारी मुकुल वासनिक ने कहा है कि अगर कोई विवाद है,तो उसके निपटारे की व्यवस्था भी है.

राहुल गांधी से शिकायत

वोट रद्द करने के मानदंडों की सूची

  • स्पष्ट फोटोग्राफ ( धुंधली,फोटो,चेहरे पर मास्क चेहरा छुपा हुआ)
  • ग्रुप फोटो ( फ्रेम में 1 से ज्यादा लोगों की उपस्थिति) एक से ज्यादा बार इस्तेमाल की गई फोटो.
  • हार्ड कॉपी और सॉफ्ट कॉपी फोटोग्राफ का फोटो भी रद्द होगा.
  • एक IMEI पर निर्धारित से अधिक संख्या के प्रयास वाले वोट भी रद्द होंगे.

नोट- एक वोट के रद्द होने के केस में वह वोट सभी कमेटियों के परिणाम से हटा दिया जाएगा

रद्द हुए वोट के खिलाफ आपत्ति की व्यवस्था

  • ऐसे मामले जहां राज्य और जिला के दो मित्रों के बीच वोटों की संख्या 50 वोट से कम हो, रद्द हुए वोट के खिलाफ आपत्ति का संज्ञान लिया जाएगा.
  • रद्द हुए वोट के खिलाफ आपत्ति करने वाले उम्मीदवार को ऊपर दिए गए मानक के आधार पर रैंडम रद्द वोट दिखलाए जाएंगे.
  • रद्द किए गए कुल वोट का 10 प्रतिशत शिकायतकर्ता के सामने सत्यापन किया जाएगा.

    युवा कांग्रेस के उम्मीदवारों को क्या है आपत्ति

    मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार विवेक त्रिपाठी का कहना है कि विगत दिनों जो युवा कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव मध्यप्रदेश में संपन्न हुए है, उसके मतदान के 3 दिन बाद चुनाव प्राधिकरण ने नई गाइडलाइन जारी की है. इस गाइडलाइन को लेकर मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के सदस्यों में नाराजगी है. इस पूरे मामले को लेकर हम लोगों ने चुनाव प्राधिकरण से आग्रह किया है कि गाइडलाइन चुनाव के पहले आती, तो बेहतर होता. विवेक त्रिपाठी का कहना है कि वैसे भी साढे तीन लाख मतदाताओं में से 50 प्रतिशत सदस्य अपना वोट का इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं, क्योंकि मोबाइल नंबर बंद हो गए थे. जितने लोगों ने वोट डाले, उनमें से भी रद्द हो जाएंगे. तो मैं समझता हूं कि संगठन को नुकसान होगा. हमें हमारे चुनाव प्राधिकरण पर पूरा भरोसा है कि वह युवा कांग्रेस के साथियों की भावनाओं को ध्यान में रखकर फैसला लेगा, जिससे संगठन को भी फायदा होगा.

राहुल गांधी को दर्ज कराई गई शिकायत

विवेक त्रिपाठी ने बताया कि राहुल गांधी तक यह शिकायत पहुंची है. कई साथियों ने मेल और फैक्स के माध्यम से उन्हें अवगत कराया है निर्णय जो भी होगा. मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के साथियों को दृष्टिगत रखते हुए लिया जाएगा. जो भी फैसला होगा, संगठन के हित में होगा. ऐसा क्यों हो रहा है, यह तो मैं कहना नहीं चाहता हूं,लेकिन जो भी हो रहा है, वह ठीक नहीं हो रहा है. मैं समझता हूं कि इस तरह से विश्वास संगठन के प्रति कम होगा, तो संगठन कमजोर होगा. युवाओं को विश्वास है तभी साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोगों ने सदस्यता ली है. इस व्यवस्था के कारण संगठन की विश्वसनीयता कम हो रही है.

'कोई शिकायत है,तो निपटारे की भी व्यवस्था है'

इस मामले में आईसीसी के राष्ट्रीय महासचिव और मध्य प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक का कहना है कि चुनाव के संबंध में कोई शिकायत है तो उसका निपटारा करने की भी व्यवस्था है. सभी लोग उस पर ध्यान दें.

पढ़ें :मध्यप्रदेश यूथ कांग्रेस चुनाव में फर्जीवाड़ा ! चुनाव खत्म, अब जारी हुए नियम, प्रत्याशी ने दर्ज की शिकायत

कई बार शिकायत पर भी नहीं हुआ सुधार

विवेक त्रिपाठी ने शिकायत में कहा है कि कई युवाओं के जो नंबर पोर्टल पर जारी हुई मतदाता सूची में प्रदर्शित हो रहे हैं, उन्होंने जब वोट डालने का प्रयास किया, तो वोट डालने में असमर्थ रहे. मतदाता सूची में आए नहीं या तो रिजेक्ट लिस्ट में ही दिखाते रहे. इस बारे में कई बार डीआरओ से प्रत्याशियों द्वारा आग्रह किया गया, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ.

वोटिंग के बाद नियम जारी करना सुनियोजित एजेंडे का हिस्सा

विवेक त्रिपाठी ने अपनी शिकायत में कहा है कि हम सभी प्रत्याशियों ने पूरी ईमानदारी के साथ इस प्रक्रिया में हिस्सा लिया है. इसलिए इनके मानदंडों से हमें कोई आपत्ति नहीं है. हमे सिर्फ इस बात की आपत्ति है कि यह सारी बातें चुनाव पूर्व जारी करने हैं की जरूरत थी. चुनाव के 3 दिन बाद उल्लेखित करना किसी सुनियोजित एजेंडे का हिस्सा प्रतीत होता है. मेरा आग्रह है कि प्रत्याशी को जानने का अधिकार है कि उसको कहां से कितना वोट प्राप्त हुआ है.

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