भोपाल/इंदौर। चोरी की गाड़ियां सिग्नल से निकलते ही पुलिस को इसकी खबर लग जाएगी. मध्य प्रदेश पुलिस प्रदेश के 11 बड़े शहरों में ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्नाइजेशन सिस्टम से लैस सीसीटीवी कैमरे लगाने जा रहा है. इसके लिए मध्य प्रदेश पुलिस दूरसंचार मुख्यालय 1 नवंबर से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित 11 बड़े शहरों में सर्वे कराने जा रही है. सर्वे के बाद कैमरों के लिए टेंडर जारी किया जाएगा. इन कैमरों को आईटीएमएस और स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूप से भी जोड़ा जाएगा.
प्रदेशभर में लगेंगे 4 हजार सीसीटीवी कैमरे
मध्य प्रदेश के शहरों की कैमरे से निगरानी रखने के लिए पिछले चार सालों के दौरान प्रदेश के 60 शहरों में 14 हजार से ज्यादा कैमरे लगाए गए हैं. इसमें पहले चरण में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन जैसे 11 बड़े शहरों में करीब साढ़े 4 हजार कैमरे लगाए गए थे. बाद में बाकी 50 शहरों में 10 हजार कैमरे लगाए गए थे. अब प्रदेश के 11 बड़े शहरों में इन कैमरों को अपग्रेड करने की तैयारी की जा रही है.
11 शहरों में अपग्रेड होंगे कैमरे
जिन शहरों में कैमरों को अपग्रेड किया जाएगा उनमें भोपाल, इंदौर, छिंदवाड़ा, देवास, ग्वालियर, जबलपुर, कटनी, खंडवा, सागर, उज्जैन और दतिया शामिल है. पुलिस दूरसंचार मुख्यालय के पदाधिकारियों के मुताबिक अब इन शहरों में कैमरों को अपग्रेड कर ऑटोमेटिड नंबर प्लेट रिकॉग्नाइजेशन सिस्टम से लैस सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. मुख्यालय के एडीजी संजय झा के मुताबिक फिलहाल इन शहरों में एएनपीआर कैमरे कितने लगाए जाएंगे, इसको लेकर 1 नवंबर से सर्वे शुरू किया जा रहा है. इस दौरान देखा जाएगा कि इन शहरों के किन-किन स्थानों पर कैमरे लगाए जाए, जिससे ज्यादा से ज्यादा ट्रैफिक को कवर किया जाए. सर्वे के बाद इसके टेंडर जारी किए जाएंगे.
चोरी की गाड़ी निकलते ही पुलिस को मिलेगा मैसेज
ऑटोमेटिड नंबर प्लेट रिकॉग्नाइजेशन सिस्टम वाले सीसीटीवी कैमरों को आईटीएमएस और स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा. मुख्यालय के एडीजी संजय झा के मुताबिक यह कैमरे लग जाने के बाद इन कैमरों के सामने से निकलने वाले वाहनों के नंबर इन कैमरों में कैद हो जाएंगे. ऐसे में वाहन चोरी होने पर इसका रिकाॅर्ड सिस्टम पर डालने के बाद जब भी चोरी का वाहन इन कैमरों के सामने से निकलेगा, तो उसका मैसेज तत्काल पुलिस तक पहुंच जाएगा. ऐसे में चोरी के वाहनों को पकड़ने में पुलिस को मदद मिलेगी.