भोपाल।मध्यप्रदेश में शिवराज कैबिनेट का विस्तार राज्यसभा चुनाव तक टलता नजर आ रहा है. सियासी खींचतान और दांवपेंच के चलते मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर तारीख पर तारीख दी जा रही है. पहले 31 मई और बाद में दो जून तारीख बताई गई थी. लेकिन अब इसमें और देरी हो रही है. इधर नए चेहरों के नाम पर पार्टी में सहमति नहीं बन पा रही है. समीकरण ऐसे बन गए हैं जिसे सुलझाना भी पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है.
कब होगा मंत्रिमंडल विस्तार
बताया जा रहा है कि चंबल ग्वालियर में जहां पार्टी को 16 उपचुनाव का सामना करना है. वहां से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, अरविंद भदौरिया के नाम पर सहमत नहीं है. ऐसे समीकरण लगभग हर संभाग में बन रहे हैं. कुछ जिलों में सियासी और जातीय समीकरण गड़बड़ा रहा है, हालांकि मुख्यमंत्री ने इन सभी मुद्दों पर संघ और बीजेपी संगठन के नेताओं के साथ बातचीत कर ली है. अब दिल्ली से हरी झंडी मिलने के बाद मंत्रियों की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा.
ये हैं दावेदार
इसके अलावा जबलपुर में अशोक रोहाणी का नाम पार्टी ने बढ़ाया है. वहीं अजय विश्नोई की भी प्रबल दावेदारी है. बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन की जगह पार्टी अब नई पीढ़ी के रामकिशोर कावरे को लेना चाहती है. उज्जैन संभाग से पारस जैन की जगह जैन वर्ग से ही चेतन्य कश्यप का नाम पार्टी की ओर से बढ़ाया गया है. वहीं इंदौर से ऊषा ठाकुर और रमेश मेंदोला के नाम को लेकर चर्चा है. लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर को लेकर टालमटोल जवाब देते हुए कहा है कि इंदौर से तुलसी सिलावट मंत्री बनाए गए हैं. वहीं बीजेपी प्रवक्ताओं का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते मंत्रिमंडल विस्तार में देरी हो रही है.