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Union Budget 2023: एमपी को इस बजट से सर्वाधिक उम्मीदें, रुकी हैं कईं योजनाएं - बजट सत्र 2023

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का आगामी बजट कल यानी 1 फरवरी को आने वाला है. इस बजट से सर्वाधिक उम्मीद मध्यप्रदेश को है. चुनावी साल के मद्देनजर केंद्र सरकार देश के दिल के लिए सौगातों की बौछार कर सकती है. एमपी सरकार को भी इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अधिक अपेक्षाएं हैं.

Union Budget 2023
एमपी को इस बजट से सर्वाधिक उम्मीदें, रुकी हैं कईं योजनाएं

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Published : Jan 31, 2023, 5:50 PM IST

भोपाल।मप्र में चल रही अधिकतर योजनाएं केंद्र की राशि से ही संचालित की जाती है. इसमें मनरेगा, सर्व शिक्षा अभियान, नेशनल हेल्थ मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि प्रमुख है. अभी इनमें से मनरेगा समेत दूसरी सभी योजनाओं की राशि बकाया है. नए बजट में यह राशि मिलने की उम्मीद जतायी जा रही है. प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य पूरा करने के लिए शिवराज सरकार ने बीते साल दस हजार करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया था.

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पीएम आवास योजनाः इस योजना में 30 लाख से लेकर 50 हजार आवास बनाने का लक्ष्य प्रदेश को मिला था. इसमें से 28 लाख से अधिक आवास बन चुके हैं. साढ़े सात लाख आवास प्लस योजना में आवास का लक्ष्य मिला है. इसमें से भी करीब दो लाख बन गए हैं. सरकार ने केंद्र सरकार को आठ हजार करोड़ रुपये का प्रावधान का प्रस्ताव दिया था. प्रदेश में कुल 22.41 लाख पात्र परिवारों को 2024-25 तक पक्का आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. केंद्र की तरफ से इस साल मिलने वाली राशि अभी तक अटकी हुई है.

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एमपी जल जीवन मिशनः वर्ष 2023-24 में इस काम को पूरा किया जाना है. अभी तक 36.67 लाख परिवारों को घरेलू नल से जल की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है. शेष परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराने के लिए आगामी बजट में साढ़े सात हजार करोड़ रुपये की मांग की गई है. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से वित्त विभाग ने कहा कि इस संंबंध में प्रस्ताव बनाकर भेजा जाए ताकि स्वीकृति मिलने पर राशि अप्रैल से मिलना प्रारंभ हो जाए. इसी तरह सिंचाई सहित अन्य परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव तैयार करके केंद्र सरकार को जनवरी तक भिजवाने की तैयारी है.

केंद्रीय योजनाओं के सहारे मप्रः नगरीय विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, कृषि सहित अन्य विभागों से जुड़ी केंद्रीय योजनाओं के लिए अंशपूंजी प्रदेश ने तो रख ली, लेकिन इनमें केंद्र का हिस्सा अब तक नहीं मिला है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क, मनरेगा, शहरों में सीवर लाइन, अमृत मिशन आदि के काम प्राथमिकता में है, लेकिन इन सभी की राशि रुकी हुई है. मनरेगा में तो हर जिले के बिल बाकी हैं.

सड़क निर्माण कार्यः2022-23 में 3 हजार किलोमीटर नई सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा था. इसके अलावा लगभग 1,250 किमी. सड़क नवीनीकरण कार्य किए जाने का टारगेट रखा गया था. इसमें 88 नए पुल बनाए जाने थे. वर्ष 2022-23 में 4,584 किमी. सड़कें और 180 पुलों तथा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 1,200 किमी. सड़कों के निर्माण का लक्ष्य है. शहरों की सड़कों के लिए 608 करोड़ रुपये रखे हैं. इसमें से प्रधानमंत्री सड़क प्रोजेक्ट तेजी से चल रहा है, जबकि राज्य का काम धीमा है.

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