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विधानसभा उपचुनाव: बसपा के प्रत्याशियों से बीजेपी-कांग्रेस की सीटों पर क्या पड़ेगा कोई फर्क ? - 27 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव

बीएसपी ने विधानसभा उपचुनावों के लिए 8 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. जिसके बाद से जानकारों की मानें तो इनका कहना है कि बसपा के वोट बैंक से सीधे कांग्रेस को नुकसान का सामना करना पड़ेगा.

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भोपाल

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Published : Sep 13, 2020, 8:15 PM IST

भोपाल।मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव में वैसे तो मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच नजर आ रहा है, लेकिन इस मुकाबले में तीसरा खिलाड़ी इन दोनों प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के खेल को बिगाड़ता नजर आ रहा है. दरअसल बीएसपी ने विधानसभा उपचुनावों के लिए 8 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. जिसके बाद से जानकारों की माने तो इनका कहना है कि बसपा के वोट बैंक से सीधे कांग्रेस को नुकसान का सामना करना पड़ेगा.

विधानसभा उपचुनाव की तैयारी

बसपा ने 8 सीटों पर उतारे प्रत्याशी

दरअसल,ग्वालियर चंबल इलाके में दलित वोटर की काफी ज्यादा संख्या होने और इलाके की सीमा बसपा के जनाधार वाले उत्तर प्रदेश से लगे होने के कारण बसपा का इस इलाके में हमेशा जोरदार प्रदर्शन रहा है. वहीं 2018 के चुनाव में ग्वालियर चंबल इलाके में बसपा ने कई सीटों पर अच्छे वोट हासिल कर चुके हैं, और कुछ सीटों पर तो दूसरी पोजीशन में बीएसपी रह चुकी है. इन्हीं परिस्थितियों को देखते हुए ग्वालियर चंबल की 8 सीटों पर बसपा ने अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है.

ये हैं बसपा के 8 प्रत्याशी

बसपा ने 27 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव में 8 सीटों में अपने प्रत्याशियों को उतार दिया है, जिनमें जौरा से सोनाराम कुशवाह, मुरैना से रामप्रकाश राजौरिया, अंबाह से भानुप्रताप सिंह सखवार, मेंहगांव से योगेश मेघसिंह नरवरिया, गोहद से जसवंत पटवारी,डबरा से संतोष गौड़,पोहरी से कैलाश कुशवाहा, करैरा - राजेंद्र जाटव पर पार्टी ने भरोसा जताया है.
क्या कहता हैं 2018 का विधानसभा चुनाव
बसपा ने जो घोषित हैं, वह ज्यादातर उन सीटों से घोषित किए गए हैं जिन सीटों पर 2018 विधानसभा चुनाव में बसपा दूसरे स्थान पर रही है.और उन्हीं सीटों पर ही प्रत्याशी उतारकर बसपा से कांग्रेस को ज्यादा नुकसान होता नजर आ रहा है. 2018 के विधानसभा चुनाव में 15 सीटों पर बसपा का प्रदर्शन बेहतर और संतोषजनक था. और 2 सीटों पर बसपा दूसरे स्थान पर रही थी. जिन सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें अशोकनगर,मुरैना,दिमनी,अंबा,भांडेर, मेहगांव,जोरा,सुमावली और करेरा में कभी ना कभी बसपा जीत हासिल कर चुकी है.

'कांग्रेस का नहीं होगा नुकसान'

इधर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता की माने तो इनका कहना है कि, किस आधार पर राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि बसपा के उम्मीदवारों से कांग्रेस का नुकसान होगा. कांग्रेस के मुताबिक बसपा के उम्मीदवारों से कांग्रेस का कोई नफा-नुकसान नहीं है.

'बीजेपी को नहीं पड़ता फर्क'

इधर बीजेपी प्रवक्ता राकेश शर्मा का कहना है कि, राजनीतिक दल के राजनीतिक मैदान में उतरने से भाजपा को कोई फर्क नहीं पड़ता है. बीएसपी ने जो उम्मीदवार उतारे हैं, उन लोगों को चिंता करना चाहिए, ऐसे लोगों से बीजेपी को कोई फर्क नहीं पड़ता है. भाजपा का संगठन इतना मजबूत है कि किसी अन्य दल की बीजेपी को चिंता नहीं है. चिंता उन्हें करना चाहिए, जिनके हजारों कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. जो लोग जमीन पर नहीं है, उनको चिंता करना चाहिए

कौन होगा सत्ता का हकदार ?

खैर, विधानसभा उपचुनाव की चुनावी तैयारियों का बिगुल बज चुका है, कांग्रेस ने जहां अपने 15 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान कर दिया है, वहीं बीएसपी ने 8 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान पर उतार दिए हैं, सियासत की इस लहर में सभी दिग्गज अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं, इनकी सत्ता का असली हकदार कौन होगा ये तो आने वाला समय तय करेगा.

इन सीटों पर 2018 विधानसभा में बसपा का प्रदर्शन

पोहरी विधानसभा सीट- 52736 वोट

करैरा- विधानसभा सीट- 40026 वोट

जौरा विधानसभा सीट - 41014 वोट

सुमावली विधानसभा सीट - 31331वोट

मुंगावली विधानसभा सीट- 14202 वोट

अंबाह विधानसभा सीट- 22179 वोट

मेंहगांव विधानसभा सीट- 7579 वोट

गोहद विधानसभा सीट- 15477 वोट

डबरा विधानसभा सीट- 13155 वोट

दिमनी विधानसभा सीट- 14458 भांडेर - 2634

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