भोपाल।सही समय पर सैलरी और ओवर टाइम नहीं मिलने से नाराज BRTS बसों के ड्राइवर और कंडक्टर ने सोमवार को हड़ताल कर दी. सुबह से ही राजधानी भोपाल में बीआरटीएस के पहिए थम गए, जिसके चलते लोग परेशान होते हुए नजर आए. जिन लोगों को ऑफिस जाना था वह जैसे ही ऑफिस के लिए निकले तो देखा बसें सड़कों पर मौजूद नहीं थीं और डिपो में ही खड़ी थीं. इधर, बीआरटीएस के ड्राइवर और कंडक्टर ने बागसेवनिया डिपो के बाहर सड़क पर बैठकर हंगामा शुरू कर दिया, जिससे चक्का जाम की स्थिति भी बन गई. लेकिन तुरंत ही इन्हें यहां से हटा दिया गया.
भोपाल में बीआरटीएस बसों की हड़ताल: राजधानी के बागसेवनिया और बैरागढ़ डिपो के अंदर बड़ी संख्या में बसें खड़ी रहीं, जो सुबह से ही नहीं निकली. इसके चलते शहरवासी खासे परेशान होते रहे. सबसे ज्यादा परेशानी स्टूडेंट्स और उन वर्किंग पर्सन को हुई जिन्हें सुबह-सुबह काम पर निकलना था. लेकिन बसें नहीं चलने के चलते यह खासे परेशान नजर आए. बीआरटीएस के कर्मचारियों का कहना है कि "लाल बसों का संचालन करने के दौरान इनकी तनखा पिछले कई समय से देरी से आ रही है. इसके चलते इनके सामने रोजी-रोटी तक का संकट भी आ गया है." वहीं अन्य ड्राइवर का कहना है कि इनको ओवरटाइम भी नहीं दिया जाता. पिछले 2 से 3 महीने से ओवरटाइम के पैसे अभी तक नहीं दिए गए हैं, ऐसे में यह क्या कर सकते हैं.
बसों के हड़ताल से परेशान लोग: इधर, प्राइवेट जॉब करने वाले सतीश का कहना है कि "अगर इस तरह से लाल बसों की हड़ताल होती है तो उसके एवज में नगर निगम या बसों का संचालन करने वाली जो जिम्मेदार एजेंसी होती हैं उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी. इन हड़तालों की वजह से हम जैसे लोग अपनी नौकरी पर समय पर पहुंच ही नहीं पाएंगे और हमारा पैसा भी कट जाएगा." छात्रा विभूति का कहना है कि "मैं कॉलेज जाने के लिए निकली थी, लेकिन कॉलेज बस मिस होने के कारण मैं लाल बस से ही कॉलेज पहुंच जाया करती थी. आज हड़ताल की वजह से मैं खासी परेशान रही. बसों की हड़ताल के चलते मुझे ऑटो करके कॉलेज जाना पड़ा, जिसमें बहुत ज्यादा पैसे देने पड़े. ऐसे मैं बस के नॉमिनल किराए में कॉलेज पहुंच जाती थी, लेकिन ऑटो में मुझे आज कई गुना ज्यादा पैसा देना पड़ा."