भोपाल।मध्यप्रदेश की 65 विधानसभाओं में लोधी समाज का दबदबा है. प्रदेश में लोधी समाज का वोट बैंक करीब नौ प्रतिशत है. 65 विधानसभाओं में ज्यादातर बुंदेलखंड इलाके में हैं. बुंदेलखंड में लोधी वोट से जीत व हार तय होती है. बुंदेलखंड के बाद ग्वालियर - चंबल इलाके में ये समाज सियासत तय करने की स्थिति में है. लोकसभा सीटों की बात करें तो 29 में से 13 लोकसभा सीटों पर लोधी वोटर निर्णायक हैं. इनमें बालाघाट, सागर, खजुराहो, दमोह, विदिशा, होशंगाबाद प्रमुख हैं.
ये है प्रीतम लोधी की रणनीति :बीजेपी से निकालने गए प्रीतम लोधी खुद को उमा भारती की तरह स्थापित करना चाहते हैं. प्रीतम लोधी की सोच है कि वो उमा भारती की तरह एक नेमफेम वाला चेहरा हो जाएंगे. हालांकि उनकी ये सोच गलत साबित हो सकती है. एक समय 2033 में उमा भारती की लोकप्रियता के चलते प्रदेश में बीजेपी को रिकार्ड सीटें मिलीं. हालांकि उसमें कहा जाता है कि दिग्विजय सिंह की नीतियों से जनता परेशान हो गई थी, लेकिन जब उमा भारती ने खुद के दम जनशक्ति पार्टी बनाई तो प्रदेश की 230 सीटों में से सिर्फ 6 सीटें ही मिलीं.
बाह्मण वोटर्स का दबदबा :प्रदेश की 60 सीटों पर ब्राह्मण निर्णायक हालत में हैं. मध्यप्रदेश में विंध्य इलाके में सवर्णों का वर्चस्व है.सतना और रीवा जिले की कुछ विधानसभा सीटों पर ब्राह्मणों की आबादी 40 % से भी ज्यादा है. बीजेपी को 2018 के चुनावों में सबसे ज्यादा नुकसान इसी इलाके से उठाना पड़ा था. " माई के लाल " वाला बयान बीजेपी पर भारी पड़ा था. हालांकि ग्वालियर- चंबल में दलितों के विरोध के चलते बीजेपी को यहां पर नुकसान उठाना पड़ा था. 10% ब्राह्मण वोटर बीजेपी का गणित बिगाड़ सकते हैं. हालांकि कांग्रेस हो या फिर बीजेपी ऊंचे पदों पर ब्राह्मण ही काबिज हैं .
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प्रीतम लोधी के खिलाफ उतरे कथावाचक : इस वक्त कथा वाचकों की टीआरपी बढ़ी हुई है. उनके पास भक्तों का तांता है. चाहे वे बाघेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हों या सीहोर वाले प्रदीप मिश्रा. इन्होंने खुलेतौर पर प्रीतम लोधी की खिलाफत शुरू कर दी है तो वहीं ब्राह्मण समाज ने भी लोधी समाज का बायक़ॉट करने का फैसला लिया है कि लोधियों के पारिवारिक कार्यक्रम में पंडित किसी भी धार्मिक पाठ पूजा नहीं करेंगे. वहीं लोधी समाज ने पलटवार करते हुए पंडितों से धार्मिक कार्यक्रम न कराने का फैसला लिया है, हालांकि ये बयानबाजी ही लग रही है क्योंकि बिना पंडित के चाहे कर्मकांड हो या फिर कोई भी धार्मिक आयोजन संभव ही नहीं है. Caste polarization in MP, Big challenge for MPBJP, MP Mission 2023, Lodhi and brahmin samaj fight, Brahimn VS Lodhi BJP silent, challenge for BJP