पीलीभीतः भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) गुरुवार को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत पहुंचे. यहां उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि अब उनके निशाने पर यूपी सरकार है. उनका संगठन राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कुर्सी से उतार कर ही दम लेगा.
ईटीवी भारत से राकेश टिकैत की खास बातचीत. 'वेस्ट बंगाल की तरह भाजपा की होगी शिकस्त'
बता दें कि भाकियू नेता राकेश टिकैत गुरुवार को समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष लखविंदर सिंह लक्खा के घर एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने पीलीभीत पहुंचे थे. यहां टिकैत ने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भारतीय किसान यूनियन बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने में कामयाब रही थी, जिसके चलते भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि जिस तरह से वेस्ट बंगाल में हुआ ठीक उसी तरह उत्तर प्रदेश में भी किया जाएगा.
न चुनाव लड़ेंगे और न ही किसी पार्टी का समर्थन करेंगेः भाकियू
उत्तर प्रदेश 2022 चुनाव को लेकर भाकियू नेता ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन न तो चुनाव लड़ेगी और न ही किसी दूसरी पार्टी का समर्थन करेगी. हालांकि सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने का काम अवश्य करेगी.
पांच सितंबर को महापंचायत का किया ऐलान
लंब समय से नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की चल रही लड़ाई को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार के पास अब भी वक्त है. वह तीनों कानून वापस ले ले. इस दौरान उन्होंने कहा कि आगामी पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में किसान मोर्चा की महापंचायत में किसान आंदोलन की आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी.
फायदा नहीं होगा तो किसान नहीं देगा वोट
विधानसभा चुनाव में किसानों की भागीदारी पर राकेश टिकैत ने कहा कि किसान भी एक वोटर है. अगर इनको सरकार की नीतियां, उसके कामकाज से लाभ होगा तभी वह वोट करेंगे. अगर फायदा नहीं होगा, तो वोट नहीं देंगे. यही चुनावी प्रक्रिया है. राकेश टिकैत ने कहा कि पांच सितंबर को होने वाली महापंचायत अब तक की ऐतिहासिक महापंचायत होगी.
कृषि कानून पर फिर भड़के टिकैत, बोले- बिना शर्त के बात करे सरकार
बता दें कि आंदोलनरत किसानों की बीते 22 जनवरी के बाद से बातचीत नहीं हो पाई है. तीनों कृषि कानून की वापसी पर टिके किसान नेता राकेश टिकैत सरकार के शर्तों के साथ बातचीत से सीधे इनकार कर दिया है. उधर, सरकार ने कृषि कानून की वापसी की बात से सीधे इनकार करते हुए इसकी खामियों पर किसान नेताओं से चर्चा के लिए कई बार प्रस्ताव भेज चुकी है.