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कमलनाथ पर चला चुनाव आयोग का 'हंटर', छीना स्टार प्रचारक का तमगा

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के विवादित बयान के बाद चुनाव आयोग का हंटर चला है, चुनाव आयोग ने कमलनाथ से स्टार प्रचारक का तमगा छीन लिया है, जिस पर बीजेपी ने प्रतिक्रिया देते हुए अपनी सहमती जताई है. बीजेपी ने कहा कि देश की राजनीति के लिए एक बड़ा उदाहरण बन कर सामने आया है, क्योंकि नेताओं को अपनी जुबान पर काबू रखना चाहिए. चुनाव के समय मर्यादा का विशेष ख्याल रखते हुए ही चुनाव प्रचार करना चाहिए.

Bhagwandas Sabnani, BJP State General Secretary
भगवानदास सबनानी, बीजेपी प्रदेश महामंत्री

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Published : Oct 31, 2020, 9:15 AM IST

भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के द्वारा दिए गए बयानों को लेकर अब उनकी मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. मंत्री इमरती देवी को आइटम कहना और सीएम शिवराज सिंह चौहान के लिए नौटंकी का कलाकार जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना कमलनाथ पर भारी पड़ रहा है. अब वे मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में स्टार प्रचारक की हैसियत से प्रचार नहीं कर सकेंगे. चुनाव आयोग के द्वारा उन्हें स्टार प्रचारक से हटा दिया गया है. यदि कमलनाथ स्टार प्रचारक के तौर पर कहीं दौरा करते हैं, तो उनके पूरे इंतजाम का खर्चा पार्टी फंड से नहीं बल्कि उस क्षेत्र के उम्मीदवार को उठाना पड़ेगा.

चुनाव आयोग के फैसले पर बीजेपी की प्रतिक्रिया

इस मामले को लेकर अब जमकर राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस चुनाव आयोग के द्वारा लिए गए निर्णय पर सवाल उठा रही है, तो बीजेपी के द्वारा इस निर्णय का स्वागत किया गया है. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी का कहना है कि चुनाव आयोग के द्वारा आज की गई कार्रवाई बिल्कुल सही है, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ बदजुबानी के बादशाह बनना चाहते थे. वे चाहते थे कि बदजुबानी के सुपरस्टार बन जाए, लेकिन अब वह मध्य प्रदेश कांग्रेस की ओर से बनाए गए स्टार प्रचारक भी नहीं बचे हैं. उन्होंने कहा कि कमलनाथ के द्वारा जिस तरह से दलित महिला का अपमान करने का प्रयास किया गया. उसे लेकर निर्वाचन आयोग ने आज एक प्रकार से उन्हें दंडित किया है.

नेताओं को रखना चाहिए अपनी जुबान पर काबू
उन्होंने कहा कि यह देश की राजनीति के लिए एक बड़ा उदाहरण बन कर सामने आया है, क्योंकि नेताओं को अपनी जुबान पर काबू रखना चाहिए. चुनाव के समय मर्यादा का विशेष ख्याल रखते हुए ही चुनाव प्रचार करना चाहिए.

संवैधानिक संस्थाओं के निर्णय पर सवाल उठाना कांग्रेस की पुरानी आदत

भगवानदास सबनानी का कहना है कि इस निर्णय के बाद जो कांग्रेस की ओर से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. वह भी काफी गंभीर है. कांग्रेस पार्टी ने अपनी उसी मानसिकता का परिचय दिया है, जब देश में आपातकाल की स्थिति निर्मित हुई थी. उन्होंने कहा कि जब इंदिरा गांधी सुप्रीम कोर्ट में अपना केस हार गई थी. तब उन्होंने देश में वर्ष 1975 में आपातकाल लगा दिया था और उसी तरह की मानसिकता आज भी कांग्रेस में लगातार काम कर रही है. यही वजह है कि कांग्रेस के द्वारा कहा जा रहा है कि हमारे पक्ष में फैसला नहीं हुआ, तो वे लोग न्यायालय के खिलाफ भी कुछ भी बोलने लगेंगे.

उन्होंने कहा कि इसी भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा वर्षों से चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराई जा रही है, और उस दौरान देशभर में कांग्रेस की सरकारें बनती रही हैं, लेकिन जब कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा दलित महिला के खिलाफ बदजुबानी की गई, तो बीजेपी ने प्रदेश निर्वाचन आयोग और चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की. इसके बाद ही चुनाव आयोग ने मामले को संज्ञान में लेते हुए अपनी टिप्पणी की है.

चुनाव आयोग की चेतावनी के बाद भी कमलनाथ कर रहे थे बदजुबानी
उन्होंने कहा कि यही वजह है कि आज पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारक नहीं हैं. चुनाव आयोग के द्वारा इससे पहले ही कमलनाथ को चेतावनी दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद भी वे लगातार सभाओं के दौरान बदजुबानी भाषा का इस्तेमाल करते रहे. यह उसी का परिणाम है लेकिन संवैधानिक संस्थाओं पर कांग्रेस पहले भी हमले करती रही है और आज भी वह इसी प्रकार की प्रतिक्रिया संवैधानिक संस्थाओं पर दे रही है, जिसकी हम घोर निंदा करते हैं .

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