भोपाल। मध्यप्रदेश में गाय के नाम पर राजनीति जमकर हुई. कांग्रेस और बीजेपी ने गो-संरक्षण के लिए हर साल एक एक हजार गोशाला बनाने की कदम उठाए. इसके बाद भी आम लोग गो-संरक्षण के नाम पर दान देने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. यहां तक कि इसके लिए राज्य सरकार ने गो-संरक्षण के दान के लिए इनकम टैक्स में छूट का भी प्रावधान किया. इसके बाद भी पिछले एक साल में मुश्किल से एक लाख का दान ही मिल पाया है. दान में प्राप्त राशि इतनी कम है कि 100 गायों को एक माह तक चारा भी नहीं खिलाया जा सकता. उधर, अधिकारियों के मुताबिक इस को लेकर पूर्व में पर्याप्त प्रचार भी किया गया, लेकिन लोग इसके लिए आगे नहीं आए.
पिछले एक साल में मिला 1.60 लाख का दान
प्रदेश में गोशालाओं के संचालन के लिए गोपालन और पशुधन संवर्धन बोर्ड ने इन लोगों को दान के लिए प्रेरित करने आयकर में छूट का प्रावधान किया था. कुछ में यदि कोई व्यक्ति गोशालाओं के लिए दान करता है, तो उसे आयकर में लाभ मिलता. बोर्ड ने दान के लिए अलग-अलग 6 कैटेगरी बनाई हैं. इसके तहत दानदाता गोशाला के लिए बोरवेल बायोगैस बैल दान चारा खिलाने और शेड निर्माण के लिए दान कर सकते थे. दान 1100 रुपये से 15 लाख रुपये तक का किया जा सकता था, लेकिन दानदाताओं ने अधिकतम 2100 रुपये तक की ही राशि दान की. इस तरह मुश्किल से पिछले एक साल में 1,06,467 रुपये का दान ही प्राप्त हो सका.
दान के लिए बनाई गई थी यह कैटेगरी
- एक गोवंश को 15 दिन तक खिलाने के लिए 1100 रुपये जबकि एक माह तक खिलाने के लिए 2100 रुपये निर्धारित किए गए.
- एक गाय को एक साल तक की खुराक के लिए 21,000 रुपये निर्धारित किए गए.
- एक गोवंश के शेड के लिए 15000 रुपये की राशि निर्धारित की गई है.
- 11 गोवंश के शेड के लिए 1.51 लाख रुपये और 51 गोवंश के शेड के लिए 7.50 लाख रुपये का दान निर्धारित किया गया.