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CAA को समझाने के लिए बीजेपी ने उर्दू में छपवाई किताब, बापू की तस्वीर का लिया सहारा

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं, CAA को लेकर मुसलमानों तक अपनी बात आसानी से पहुंचाने के लिए बीजेपी ने उर्दू में एक किताब छपवाई है. जिसमे ये बताने की कोशिश की गई है कि देश में रहने वाले अल्पसंख्यकों को इस कानून से डरने की जरूरत नहीं है.

BJP printed a book in Urdu to explain the Citizenship Amendment Act
नागरिकता संशोधन कानून समझाने के लिए उर्दू में बुक छपवाई

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Published : Feb 10, 2020, 12:09 PM IST

भोपाल। नागरिकता संशोधन कानून लागू किए जाने के बाद से ही लगातार इसका विरोध हो रहा है. विपक्षी पार्टियों के द्वारा भी केंद्र सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की जा रही है. लेकिन केंद्र सरकार साफ कर चुकी है कि, इस कानून को किसी भी हाल में वापस नहीं लिया जाएगा. बीजेपी के अंदर ही अब मजबूत संगठन में दरार पड़ रही है, यही वजह है कि अल्पसंख्यक नेता धीरे- धीरे पार्टी से किनारा कर रहे हैं. बीजेपी को भी इसका एहसास होने लगा है, यही वजह है कि अब अल्पसंख्यक वर्ग को एक बार फिर से बीजेपी के साथ लाने के लिए नागरिकता संशोधन कानून की विशेषताओं को दर्शाती हुई उर्दू भाषा में किताब छपवाई गई है.

नागरिकता संशोधन कानून समझाने के लिए उर्दू में बुक छपवाई

ऐसा पहली बार हो रहा है, जब बीजेपी ने उर्दू भाषा में किसी पुस्तक को प्रिंट कराया है और उसमें महात्मा गांधी की तस्वीर भी छपवाई गई है. इससे पहले बीजेपी द्वारा जितनी भी पुस्तकें प्रिंट करवाई गई हैं उनमें संघ से जुड़े नेता या फिर बीजेपी से जुड़े नेताओं को ही स्थान दिया गया है . माना जा रहा है कि, बीजेपी भी इस बात को बहुत अच्छे से समझ चुकी है कि, जिस तरह से विपक्ष अल्पसंख्यक वर्ग के साथ इस कानून के विरोध में माहौल बना रहा है, उससे कहीं ना कहीं बीजेपी के संगठन को भी नुकसान पहुंच रहा है, जिसकी वजह से संगठन से जुड़े हुए सालों पुराने नेता भी किनारा कर रहे हैं. यदि यही सिलसिला जारी रहा तो पार्टी को भारी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.

हर भाषा में छपवाई जाएगी नागरिकता संशोधन बिल को लेकर किताब

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि, 'पार्टी के द्वारा सीएए और नागरिकता संशोधन बिल को लेकर उर्दू भाषा में किताब छपवाई गई है. इसके अलावा अन्य भाषाओं में भी इसी तरह की पुस्तकें प्रिंट हुई है, इस पुस्तक को प्रिंट कराने से हमारा उद्देश्य यही है कि, जिसको जो भाषा समझ में आती है उसे उसी भाषा में समझाया जाए ताकि जो गलतफहमी लोगों के बीच हो रही है उसे दूर किया जा सके. यही वजह है कि नागरिकता संशोधन बिल कानून के जितने भी सत्य हैं, उन्हें समझाने के लिए ही इसे प्रिंट कराया गया है. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को राजनीतिक भाषा समझ में आती है कुछ लोगों को संविधान की भाषा समझ में आती है और अरविंद केजरीवाल को भी अब यह भाषा समझ में आ चुकी है'.

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