भोपाल।जो सबसे बड़ी ताकत है, क्या इस चुनाव में बीजेपी की सबसे बड़ी शंका बन गया है, वही कार्यकर्ता....जिस कार्यकर्ता की बदौलत एमपी में बीजेपी ने लगातार जीत की हैट्रिक लगाई और 2020 में फिर पंद्रह महीने सत्ता पाई. क्या उस पर पार्टी नेतृत्व का यकीन टूट रहा है कि अब कसम उठाने की नौबत आ रही है. ये पहला चुनाव होगा जब पार्टी अपने कार्यकर्ताओं से नौ वचन लेगी और उसे पार्टी के सम्मान दायित्व और उसकी पहचान का बोध कराने उसे संपदा कार्ड दिया जाएगा. नवरात्र के मौके पर पार्टी तीन दिन तक 12 हजार से ज्यादा शक्ति केन्द्र सम्मेलन भी बुलाने जा रही है. 17 अक्टूबर से इनकी शुरुआत होगी.
जीत के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं को 9 वचन:आदर्श संगठन के तौर पर पहचाने जाते रहे एमपी में ये पहली बार है कि कार्यकर्ता का जो कर्त्व्य है, उसके लिए पार्टी को कसम दिलानी पड़ रही है. एमपी में बीजेपी 17 अक्टूबर से शक्ति सम्मेलन आयोजित करेगी प्रदेश. नवरात्रि का मौका है, इसलिए सम्मेलनों को शक्ति सम्मेलन का नाम दिया गया है. टोटका ये भी है कि इन सम्मेलनों में पार्टी कार्यकर्ताओं को जो कसम दिलाएगी, वो भी गिनकर नौ रखी गई है. इनमें नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनता के अटूट विश्वास की प्रतिज्ञा के साथ भारत को विकसित भारत के साथ स्वर्णिम मध्य प्रदेश की प्रतिज्ञा. भारत को परिवारवाद की राजनीति से बचाने के साथ एमपी को करप्शननाथ, बंटाधार सनातन और देश विरोधियों से बचाने की कसम दिलाई जाएगी, लेकिन सबसे जरुरी कसम है, हर बूथ पर बीजेपी की जीत. इस बार फिर बीजेपी की सरकार बनवाने की.