भोपाल। उत्तर प्रदेश में शहरों और जगहों के नाम बदलने से शुरू हुई सियासत अब मध्य प्रदेश में भी जोरों पर है. मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने भोपाल के ईदगाह हिल्स, इंदौर और होशंगाबाद का नाम बदलने की मांग उठाई है. अब प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा की मांग को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का भी समर्थन मिलता नजर आ रहा हैं. उन्होंने कहा कि अगर जनता चाहती है तो नाम बदलने चाहिए. हालांकि मध्य प्रदेश में शहर और जगहों के नाम बदलने को लेकर सियासत होना कोई नई बात नहीं है. बीजेपी कुछ समय पहले भोपाल का नाम बदलकर भोजपालऔर इंदौर का नाम बदलकर इंदूर किए जाने की मांग कर चुकी है. देखा जाए तो इतिहास के साथ शहरों के नाम बदलते गए हैं.
रामेश्वर शर्मा की संगठन मंत्री से मुलाकात
नाम बदलने की सियासत के बीच संगठन महामंत्री सुहास भगत से मिलने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा पहुंचे. तीनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटा चर्चा हुई. जानकारी के मुताबिक ईदगाह हिल्स को गुरुनानक टेकरी और होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम किए जाने को लेकर संगठन भी रणनीति के तहत काम कर रहा है. इसको लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी साफ संकेत दे दिए हैं कि अगर जनता की मांग है तो नाम बदलने चाहिए. वैसे भी होशंगाबाद क्षेत्र को पहले से ही नर्मदापुरम कहा जाता है. और अगर जनता चाहती है कि होशंगाबाद के स्थान पर नर्मदापुरम हो तो जनता की मांग पूरी होना चाहिए.
भोपाल और इंदौर का नाम बदलने की हो चुकी है मांग
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का कालांतर में भोजपाल और भूपाल हुआ करता था. भोपाल का नाम फिर से भोजपाल किए जाने को लेकर पूर्व महापौर आलोक शर्मा नगर निगम में प्रस्ताव लेकर आए थे लेकिन बाद में इसे अनुमति नहीं मिली. भोपाल के उपनगर बैरागढ़ का नाम बदलकर संतहिरदाराम नगर कर दिया गया है. हालांकि बैरागढ़ का नाम संत हरदा राम सर्वसम्मति से रखा गया है, लेकिन भोपाल की तरह इंदौर शहर का नाम बदलने पर सर्वसम्मति नहीं बनी है. इंदौर शहर का नाम इंदूर किए जाने का नगर निगम परिषद में प्रस्ताव आया था, लेकिन विरोध के बाद में मामला ठंडा हो गया. देखा जाए तो 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ब्रिटिशों ने इंदूर का नाम अंग्रेजी में INDOR
था, जिसे बाद में बदल कर INDORE कर दिया गया.
इन जगहों के बदले जा चुके हैं नाम
वैसे देखा जाए तो समय-समय पर शहरों और जगहों के नाम बदले जाते रहे हैं. पिछले सालों के दौरान प्रदेश सरकार ने महू का नाम बदलकर अंबेडकर नगर कर दिया गया. इसी तरह होशंगाबाद संभाग बनने पर इसका नाम नर्मदापुरम किया गया.