भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा की असंसदीय शब्दावली पर सत्त दल के विधायक व महीनों तक प्रोटेम स्पीकर (सामयिक अध्यक्ष) रहे रामेश्वर शर्मा ने नाराजगी जताई है. दरअसल विधायकों को बताने के लिए कि कौन से शब्द असंसदीय हैं और कौन से संसदीय. इसके लिए करीब 1165 शब्दों को छांटकर एक किताब प्रकाशित की गई है, जिस किताब में छपे शब्दों को लेकर सत्ताधारी पार्टी के विधायक रामेश्वर शर्मा ने ही सवाल उठाए हैं.
बंटाधार-नक्सलवादी शब्दों को किताब से हटाया जाए
असंसदीय शब्दों की सूची वाली किताब में बंटाधार और नक्सलवादी शब्दों को असंसदीय माना गया है, पर रामेश्वर शर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर इन दोनों शब्दों को किताब से हटाने की मांग की है.
बीजेपी ने दिग्विजय सिंह को बताया था बंटाधार
बंटाधार शब्द 2003 के विधानसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह के लिए बीजेपी ने उपयोग किया था, बीजेपी विधायक ने इस शब्द को लोक चर्चा का शब्द बताया है, रामेश्वर ने तर्क दिया कि दिग्विजय सिंह के 10 साल के शासनकाल में जनता के द्वारा दिया गया यह शब्द है, आगे जोड़ते हुए उन्होंने लिखा- यह दिग्विजय सिंह के 10 सालों के कार्यकाल का जीवन दर्शन है, इस शब्द को असंसदीय लिखने से कई विधायकों में रोष है, जनता जनार्दन की तरफ से मैं इस शब्द को हटाने की मांग करता हूं.