भोपाल।ग्रामीण जनजाति तकनीकी प्रशिक्षण प्रायोगिक परियोजना के उद्घाटन समारोह को बीजेपी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि पिछले 2 सालों से इस दिशा में काम किया जा रहा था. इसका पहला चरण आज कौशल क्षेत्र में जुड़े आदिवासी युवाओं के रूप में सामने है. उन्होंने कहा कि कई कार्यक्रम सरकार और प्रशासन शुरू तो कर देती है, लेकिन बाद में उन्हें ठेकेदार चलाते हैं. कुछ ही कार्यक्रम होते हैं, जिसमें सरकार काम करती है. ऐसा ही यह कार्यक्रम है. इस तरह की योजना चलाने के लिए समाज और सरकार को साथ आना चाहिए. साथ ही सरकार को ऐसे कार्यक्रमों के लिए मन भी होना चाहिए. ऐसा नहीं होना चाहिए कि आज भाषण दे दिया और कल मामला खत्म हो गया.
ग्रामीण इलाकों में टीचर क्यों नहीं :बीएल संतोष ने कहा कि गांव के स्कूल में टीचर नहीं होते. शहरी इलाकों में अतिरिक्त टीचर होते हैं. जो ग्रामीण इलाकों में टीचर लिस्ट होते हैं, वह सांसदों को इतना परेशान करते हैं कि वह प्रतिनियुक्ति पर दूसरे स्थानों पर पहुंच जाते हैं. ऐसी स्थिति में ग्रामीण इलाकों में सुविधा नहीं मिल पाती है. ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में पलायन रोकना सिर्फ भाषण का विषय रह जाता है. कोशिश करें कि प्रदेश के 1000 गांवों में ना सिर्फ पलायन रुके, बल्कि लोग वापस अपने गांव लौटें. ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाएं और आर्थिक बेहतरी लानी होगी.