भोपाल।मध्यप्रदेश के उपचुनाव वाले क्षेत्रों में कराए गए सर्वे में भारतीय जनता पार्टी की करीब 9 सीटें डेंजर जोन में है. जिस पर भाजपा ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है. इसके साथ ही बीजेपी ने अपनी नई तैयारी भी शुरू कर दी है और यह तैयारी भी सामने आने लगी है, जिसका उदाहरण है कि भाजपा अब निर्दलीय विधायकों को अपने साथ जोड़ने लगी है. जिसका उदाहरण है निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा और केदार सिंह डाबर ने बीजेपी को अपना समर्थन दिया है.
सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया अलग-अलग टीमों को मैदान में उतारा
दरअसल भाजपा ने जो सर्वे कराया है उसके मुताबिक भारतीय जनता पार्टी मालवा-निमाड़ और बुंदेलखंड अंचल से लगी एक सीट के अलावा बाकी 7 सीटें ग्वालियर चंबल की बताई जा रही है. जिसके बाद से सम्बंधित चुनाव प्रभारियों और प्रत्याशियों को और ज्यादा गंभीरता के साथ ही जरूरी टिप्स पर अमल करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही बीजेपी वॉर रूम में सभी विधानसभा क्षेत्रों से एक विशेष फॉर्मेट में जानकारी मांगी जा रहीं है और इस फीडबैक के आधार पर अलग-अलग टीमों को मैदान में तैनात किया गया है.
हर दिन की जा रही है मॉनिटरिंग
भारतीय जनता पार्टी की स्थिति जिन 15 सीटों पर अच्छी है. उन पर भी कार्यकर्ताओं को भी पूरी ताकत से जुटे रहने को कहा गया है. इन सीटों पर हर दिन की मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके साथ ही पार्टी इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि कार्यकर्ताओं को ओवर कॉन्फिडेंस से बचाया जा सके और गंभीरता से जमीनी स्तर पर कार्यकर्ता मैदान में तैनात रहे है.
दो निर्दलीय विधायकों से मिले मंत्री अरविंद भदौरिया
सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया फिर से सरकार बनाए रखने के फार्मूले पर काम कर रहे है. मंत्री अरविंद भदौरिया को दो निर्दलीय विधायकों का मिला सर्मथन है. दरअसल चुनाव परिणाम के पहले ही दो निर्दलीयों ने बीजेपी को समर्थन दिया है. जिसमें बुरहानपुर विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा और भानपुर विधायक केदार सिंह डाबर है. इन दोनों विधायकों ने मंत्री अरविंद भदौरिया से मुलाकात कर भाजपा को अपना समर्थन देने की बात कही है, तो वही निर्दलीय विधायक केदार डाबर का कहना है कि क्षेत्र के विकास के लिए वो बीजेपी सरकार के साथ है.
कांग्रेस का हमला
भाजपा की 28 सीटों पर हालात को लेकर कांग्रेस का कहना है कि पार्टी को अपनी हर नजर आने लगी है. इसलिए अब भाजपा अन्य विधायकों पर डोरे डाल रही है. मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि सुरेंद्र सिंह शेरा और केदार सिंह डाबर का पार्टी के मंत्री के पास जाकर अपना सर्मथन देना, इस बात का उदाहरण है कि भाजपा कितनी घबराई हुई है. चुनावी माहौल के इस संकट के समय एक वरिष्ठ मंत्री को चुनावी दौरे को छोड़ भोपाल आना पड़ रहा है.