भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के सहारे बीजेपी ने मध्यप्रदेश में सरकार बना ली, लेकिन कमलनाथ सरकार की किसान कर्ज माफी और बिजली के बिल को लेकर चलाई गई योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है, ऐसी स्थिति में किसान जहां कर्जमाफी के अगले चरण की उम्मीद लगा रहा है तो घरेलू उपभोक्ता बिजली के भारी-भरकम बिल से परेशान हैं. कांग्रेस का कहना है कि जनहित की योजनाओं को ठंडे बस्ते में डालने पर जनता माफ नहीं करेगी, वहीं बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस ने जनता को धोखा देने और गुमराह करने का काम किया है. शिवराज सरकार को कर्जमाफी और बिजली के बिल के मामले में या तो कमलनाथ सरकार से बेहतर व्यवस्था देनी होगी या फिर योजनाओं का लाभ जनता को देना होगा, नहीं तो आगामी उपचुनाव में बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है.
दरअसल कमलनाथ सरकार की जय किसान ऋण माफी योजना और इंदिरा गांधी गृह ज्योति योजना को जनता ने काफी पसंद किया था. जय किसान ऋण माफी योजना के तहत 2 चरणों में कमलनाथ सरकार करीब 30 लाख किसानों का कर्जा माफ कर चुकी थी. तीसरा चरण जून माह में प्रस्तावित था, लेकिन उसके पहले सरकार गिर गई. इसके अलावा इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत कमलनाथ सरकार ने 100 यूनिट तक एक यूनिट पर एक रुपए बिल की सौगात मध्यप्रदेश की जनता को दी थी. लेकिन शिवराज सरकार बनते ही जहां कर्जमाफी को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है, वहीं घरेलू उपभोक्ताओं के भारी भरकम बिल आ रहे हैं.
सरकार बनते ही जन हितैषी कामों को ठंडे बस्ते में डाल दिया - कांग्रेस