भोपाल। बीजेपी में बढ़ती कार्यकर्ताओं की नाराजगी संगठन को महसूस हो रही एंटी इनकंबेंसी के बाद 2023 में बीजेपी का पीएम मोदी का नाम लिए बगैर चुनाव में उतरना मुश्किल हो गया है. ब्याज जीरो शिवराज हीरो के नारे उछालने वाली बीजेपी का डबल इंजन की सरकार का दम दिखाना क्या ये संकेत है कि इस बार एमपी में भी पीएम मोदी के चेहरे की ढाल पर बीजेपी चुनाव मैदान में आगे बढ़ेगी. चुनाव के 6 महीने पहले पीएम मोदी के महीने भर के भीतर एमपी के दो दौरे. पहले वंदे भारत ट्रेन और फिर विंध्य को सौगातों की झड़ी. क्या एमपी में बीजेपी की जीत के लिए मोदी मंत्र जरूरी हो गया है.
डबल इंजन की सरकार के नारे पर ही चुनाव:मध्यप्रदेश में एक तरफ सीएम शिवराज सिंह चौहान योजनाओं और घोषणाओं की झड़ी लगाए हुए हैं. दूसरी तरफ पीएम मोदी ने भी एक महीने में दूसरी बार एमपी में सौगातों का पिटारा खोला है. पहले भोपाल से दिल्ली को वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी. अब विंध्य इलाके में सात हजार करोड़ की जल प्रदाय योजना के शिलान्यास के साथ 2300 करोड़ से अधिक की रेल परियोजना का लोकार्पण. एमपी में दी गई सौगातें गिनाते पीएम मोदी ने पहली बार अपने भाषण में छिंदवाड़ा का जिक्र किया. बिना नाम लिये कमलनाथ पर हमला बोला. उनके इस बयान को क्या समझा जाए. क्या बीजेपी मध्यप्रदेश में जनता की नब्ज थाम चुकी है. बीजेपी यह जान चुकी है कि इस बार पिछली तीन पारियों की आसानी नहीं है. ना 2018 के चुनाव की नेक टू नेक फाइट.