भोपाल। कांग्रेस मुक्त भारत (Congress Free India) की बात करने वाली बीजेपी अब कांग्रेस युक्त दिखाई दे रही है. ताजा उदाहरण ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का देखा जा सकता है. वह कांग्रेस के 22 विधायकों के साथ खुद भाजपा में शामिल हो गए. अब उपचुनाव में भी बीजेपी जोड़-तोड़ में लगी है और कांग्रेसियों को अपने घर लाने में आगे निकल गई है. हाल ही में जोबट सीट, जो कि कांग्रेस की थी उसमें सेंध लगाकर कांग्रेस की पूर्व विधायक सुलोचना रावत (Ex-MLA Sulochana Rawat)और उनके बेटे विजय रावत को आधी रात को बीजेपी में शामिल करा लिया गया.
कांग्रेस नेताओं को अपने पाले में कर रही भाजपा
पिछले कुछ वर्षों में बीजेपी ने चुनावों के दौरान कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को तोड़कर अपनी पाले में लिया है. 2013 के विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election) की बात करें तो संजय पाठक जोकि कहते रहे कि उनके खून में कांग्रेस का डीएनए है, लेकिन 2013 के चुनावी रण में कांग्रेस से जीते और बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी ने उनको मंत्री पद भी दे दिया. इसी तरह चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी, जिनका कद कांग्रेस में बड़ा था. आखिरी वक्त पर कांग्रेस को धोखा देकर बीजेपी में शामिल हुए, लेकिन जिस तरह सोच कर आए थे बीजेपी में वह तवज्जो नहीं मिली. नारायण त्रिपाठी दल बदलू विधायकों में शामिल हैं. 2016 में उन्होंने उपचुनाव में कांग्रेस का दामन छोड़ा बीजेपी में शामिल हुए.
लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने छीने थे कैंडिडेट
वहीं लोकसभा 2014 में बीजेपी ने भागीरथ प्रसाद को छीन लिया, जबकि कांग्रेस से उनका टिकट फाइनल हो गया था, जिसके साथ कांग्रेस के सांसद राव उदय प्रताप सिंह ने भी चुनाव के पहले कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया था. इसी तरह हमने उपचुनाव में देखा कि बीजेपी ने कांग्रेस के नेताओं पर डोरे डाले और उन्हें तोड़ लिया.