भोपाल।प्रदेश में चल रही सियासी उटापटक थमने के बाद राजनीतिक गलियारों में अब बीजेपी में गहमागहमा तेज हो गई है. जहां बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश करने की तैयारी कर रही है, वहीं बीजेपी विधायक शरद कोल के इस्तीफे को लेकर एक नया पेंच फंस गया है, जिसे लेकर शनिवार को बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर शरद कोल का इस्तीफा रद्द करने की मांग की.
बीजेपी के प्रतिनिधि मंडल में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, बीजेपी नेता गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के साथ खुद शरद कोल भी राजभवन पहुंचे.
बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने की राज्यपाल से मुलाकात दो नांव में फंसे शरद
कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के इस्तीफे के बाद शरद कोल ने स्पीकर एनपी प्रजापति को अपना इस्तीफा सौंपा था, जिसे स्पीकर ने कमलनाथ के इस्ताफे के पहले बागी 16 विधायकों के इस्तीफे के साथ शुक्रवार स्वीकार कर लिया. हालांकि शरद कोल ने कहा की उन्हें जबरदस्ती इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा वापस लेने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन स्पीकर ने उनका इस्तीफा रद्द नहीं किया.
क्या है शरद कोल का बैकग्राउंड
कोल की पारिवारिक पृष्ठभूमि कांग्रेस की है, वे चुनाव जीतने के बाद से ही कमलनाथ के प्रति कई बार हमदर्दी जता चुके हैं. पिछले साल विधानसभा सत्र के दौरान कोल कांग्रेस के साथ खड़े दिखाई दिए थे. तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि कोल भाजपा का साथ छोड़ सकते हैं. पर जब कमल नाथ सरकार के अल्पमत में आने की संभावना बनी, तो कोल भाजपा के पाले में आ गए. पिछले कुछ दिनों से वे भाजपा कैंप में ही डेरा डाले हुए थे. इस्तीफा मंजूर होने पर हैरान कोल का कहना है कि उनके खिलाफ षड्यंत्र किया गया.