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उपचुनाव में सोशल मीडिया पर दम दिखा रहीं पार्टियां! बीजेपी-कांग्रेस के अपने-अपने दावे - social media news

इस उपचुनाव में पार्टियां जमीन के साथ-साथ ज्यादा सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं, ऐसा करके पार्टियां ये भी जानना चाहती हैं कि किसी भी सूचना को ओर से छोर तक कितनी आसानी से पहुंचाया जा सकता है, इसके लिए पार्टियों ने सर्वे तक कराया है कि कितने युवा एंड्रॉयड फोन यूज करते हैं. अगर सबकुछ सही रहा तो आगामी चुनावों में भी इसका भरपूर इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि, कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी सोशल मीडिया पर उससे पीछे है.

bjp Congress showing power on social media
सोशल मीडिया पर दम दिखा रही बीजेपी कांग्रेस

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Published : Oct 27, 2021, 8:00 AM IST

भोपाल। बीजेपी लगातार चुनावी क्षेत्र में ताबड़तोड़ सभाएं कर रही है तो वहीं कांग्रेस अपनों से जूझ रही है और भितरघात के चलते उसके सिपहसालार भी बीजेपी में शामिल होते जा रहे हैं, अब मैदान में भले ही बीजेपी हाथ मार ले, लेकिन सोशल मीडिया पर तो कांग्रेस और खास तौर से कमलनाथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर भारी पड़ रहे हैं. सोशल मीडिया पर जिस तरह से कांग्रेस आक्रामक दिखाई दे रही है, बीजेपी उससे कोसों दूर नजर आती है. पिछले कुछ वीडियो में कांग्रेस को काफी बढ़त मिली और कांग्रेस के वायरल वीडियो खूब देखे गए. वहीं बीजेपी की सोशल मीडिया टीम लगातार काम कर रही है, सोशल मीडिया पर हर मंत्री के लिए एक टीम काम कर रही है, बावजूद इसके कांग्रेस सोशल मीडिया पर ज्यादा दमखम से मुद्दों को ले जा रही है.

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बीजेपी-कांग्रेस ने सोशल मीडिया इंपैक्ट पर कराया सर्वे

जहां पर टि्वटर फॉलोवर्स कम हैं, वहां पर बीजेपी फेसबुक-इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप को लेकर खास प्लान बनाया है और जहां पर टि्वटर फॉलोवर्स ठीक-ठाक हैं, वहां सोशल मीडिया टीम अलग से काम कर रही है, पार्टी में वर्चुअल प्लेटफार्म का बखूबी इस्तेमाल करने का अलग प्लान बनाया गया है, मतदाताओं को रिझाने के लिए खासतौर से युवाओं को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने व्हाट्सएप-फेसबुक-इंस्टाग्राम-टि्वटर पर अपनी टीम को एक्टिव करने के लिए बाकायदा पहले से ट्रेनिंग दी है, एक तरफ बीजेपी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सभा लाइव प्लेटफार्म पर उपलब्ध करा रही है तो वहीं शिवराज अपने कामों को गिनाकर जनता का दिल जीतने की कोशिश में जुटे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की रैलियों का प्रसारण सोशल मीडिया पर हो रहा है, फेसबुक-ट्विटर के जरिए कोरोना काल में सरकार की नाकामियों को जनता के सामने रखा जा रहा है.

युवा वोटर्स पर पार्टियों की नजर

राज्य में युवा वोटर्स एक करोड़ 33 लाख 83 हजार हैं, 18- 19 तक की उम्र वाले मतदाताओं की संख्या 15 लाख 78 हजार है और इस उपचुनाव की बात करें तो युवा वोटर्स 25 से 30 फीसदी हैं, युवाओं के हाथों में स्मार्टफोन है और इन्हीं युवाओं का दिल जीतने के लिए दोनों पार्टियां सोशल प्लेटफॉर्म पर जमकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं, अब सोशल मीडिया का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है तो राजनीतिक पार्टियां इससे अछूती नहीं हैं, वह भी लगातार सोशल प्लेटफॉर्म पर अपनी टीमों को मुस्तैद किए हुए हैं. हालांकि, इस चुनाव में यह पता चल जाएगा कि सोशल मीडिया का कितना इंपैक्ट है, कांग्रेस ने दावा किया कि सोशल मीडिया पर कमलनाथ की सभा को फेसबुक पेज पर 1 लाख 83 हजार व्यूज मिले हैं, जोकि शिवराज और वीडी शर्मा की खंडवा लोकसभा क्षेत्र की सभाओं से 5 गुना ज्यादा है.

सोशल मीडिया पर बीजेपी ने क्या कहा

बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी का कहना है कि उनकी टीम लगातार सोशल मीडिया को लेकर जागरूक है, लेकिन पार्टी को यह विश्वास है कि सोशल मीडिया की अपेक्षा वह मैदान में है और उसके कार्यकर्ता पसीना बहा रहे हैं, जिसका नतीजा यह रहेगा कि बीजेपी चारों सीटों पर जीत हासिल करेगी.

क्या कह रही है कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि आज कल इंटरनेट का जमाना है और हर एक व्यक्ति देखता है कि कौन कितनी गहराई में है, सोशल मीडिया पर जिस तरह से कांग्रेस को रिस्पांस मिला है, उससे कांग्रेस दावा कर रही है कि जनता उस के पक्ष में मतदान करेगी.

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