भोपाल। केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने राज्यसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया है. एमपी में तीन राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है. संख्या बल के लिहाज से सत्ताधारी कांग्रेस 2 सीटें जीती हुई नजर आ रही है, लेकिन दूसरी सीट जीतने के लिए कांग्रेस को निर्दलीय और अन्य दलों के विधायकों का सहारा लेना पड़ेगा, लेकिन केंद्र की सत्ता पर काबिज बीजेपी राज्यसभा में कांग्रेस की दूसरी सीट छीनने की कोशिश कर रही है.
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बीजेपी की इन कोशिशों को लेकर मप्र कांग्रेस का कहना है कि रोजाना सरकार गिराने की धमकी देने वालों को सदन में किस तरह मुंह की खानी पड़ी थी. बीजेपी के पास एक ही सीट जीतने की तैयारी नहीं है. वहीं मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल कहते हैं कि दोनों दलों की एक एक सीट पक्की है,एक सीट कांग्रेस की है और एक सीट बीजेपी की है। रही एक बची हुई सीट की बात, तो उस पर हमारा केंद्रीय नेतृत्व क्या निर्णय लेता है, यह उस पर निर्भर करेगा.
अप्रैल माह में होना है चुनाव
मध्य प्रदेश में 3 राज्यसभा सीटों का चुनाव होना है. अप्रैल माह में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और भाजपा के प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन जाने के बाद संख्या बल के आधार पर कांग्रेस 2 सीट जीतती हुई नजर आ रही है. जहां तक मध्यप्रदेश में राज्यसभा सीटों के गणित पर गौर करें तो मौजूदा हालत में एक राज्यसभा सीट के लिए 58 विधायकों की जरूरत होगी. कांग्रेस के पास फिलहाल 114 विधायक हैं.
बीजेपी के पास हैं 107 विधायक
इस लिहाज से कांग्रेस को दो अन्य विधायकों की जरूरत दोनों सीटें जीतने के लिए पड़ेगी. कांग्रेस के पास चार निर्दलीय, एक सपा और दो बसपा के विधायकों का समर्थन है. इस लिहाज से कांग्रेस दोनों सीटें आसानी से जीतती हुई नजर आ रही है, जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं. दोनों सीट जीतने के लिए उसे 9 विधायकों की और जरूरत पड़ेगी. ऐसी स्थिति में भाजपा के मंसूबे कामयाब होते तो नजर नहीं आते हैं.