भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति में ये उपचुनाव कई मायने में महत्वपूर्ण है, एक तरफ जहां सिंधिया शिवराज समेत कांग्रेस के बागियों की किस्मत का फैसला होना है, तो वहीं दूसरी तरफ पूर्व सीएम कमलनाथ भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. गद्दार और वफादार की लड़ाई अब बदजुबानी से होते हुए ईवीएम तक पहुंच गई है. इतना ही नहीं दोनों ही दल एक दूसरे पर लगातार हमला बोल रहे हैं. कमलनाथ, पीसी शर्मा और दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर सरकार में बने रहने के लिए हर कथकंडा अपनाने का आरोप लगाया, तो बीजेपी ने भी पलटवार करते हुए कहा, ''जब कांग्रेस जीतती है तो EVM (Electronic voting machine) सही, जब हारती है तो गलत''
जहां तक बात ईवीएम की है तो इसको लेकर देश की राजनीति में चुनाव के वक्त सवाल उठते ही रहे हैं. साल 2014 में केंद्र में बीजेपी की जीत पर कांग्रेस ने ईवीएम पर सवाल उठाए थे. अब मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर उपचुनाव के बाद और मतगणना से पहले कांग्रेस-बीजेपी के बीच ईवीएम को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. सबसे पहले पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मतदान के दिन ईवीएम को लेकर ट्वीट करते हुए शक जताया, जिसके बाद पलटवार करने में बीजेपी ने भी देर नहीं लगाई.
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर ईवीएम पर उठाए थे सवाल
दिग्विजय सिंह ने तीन नवंबर को ट्वीट करते हुए लिखा, ''तकनीकी युग में विकसित देश EVM पर भरोसा नहीं करते पर भारत व कुछ छोटे देशों में EVM से चुनाव होते हैं. विकसित देश क्यों नहीं कराते? क्योंकि उन्हें EVM पर भरोसा नहीं है. क्यों? क्योंकि जिसमें चिप है वह हैक हो सकती है. मीडिया से बात करते वक्त ईवीएम के सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा था कि मैं इस मामले पर आज से नहीं बल्कि 2003 से सवाल उठा रहा हूं.''
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गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कांग्रेस पर तंज
प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी कांग्रेस द्वारा प्रशासन और ईवीएम पर सवाल उठाए जाने पर तंज कसते हुए कहा था, ''जब जब कांग्रेस सवाल उठाती है, तब यह समझ जाइए कि कांग्रेस हारने वाली है. जब कोई मुद्दा नहीं बचता तब कांग्रेस सवाल उठाना शुरू कर देती है. क्योंकि जब उनकी जीत होती है, तो ईवीएम सही हो जाती है और जब हारते हैं तो ईवीएम खराब हो जाती है.''
जौरा कांग्रेस प्रत्याशी ने दायर की थी याचिका
भिंड के जौरा विधानसभा क्षेत्र में तीन नवंबर 2020 को उपचुनाव के मतदान के बाद कांग्रेस प्रत्याशी पंकज उपाध्याय ने हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में एक याचिका दायर की थी. कांग्रेस प्रत्याशी ने 16 ऐसे मतदान केंद्रों पर दोबारा वोटिंग कराए जाने की मांग की है, जहां बूथ कैप्चरिंग और फर्जी वोटिंग होने का अंदेशा था. कांग्रेस प्रत्याशी के अधिवक्ता राजीव शर्मा ने प्रदेश के चीफ जस्टिस संजय यादव को पत्र लिखकर अर्जेंट हियरिंग की मांग की थी, जिसके बाद एक्टिंग चीफ जस्टिस ने इस मांग को खारिज कर दिया. चीफ जस्टिस का कहना है कि इलेक्शन पिटीशन को नियमित सुनवाई में ही सुना जाएगा, जो संभवत 9 नवंबर 2020 को होगी.
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मतदान से पहले कांग्रेस प्रत्याशी ने की थी शिकायत
मतदान से पहले ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस प्रत्याशी सतीश सिकरवार ने भी ईवीएम पर सवाल उठाए थे. 25 अक्टूबर को कांग्रेस प्रत्याशी ने चुनाव आयोग, जिला निर्वाचन अधिकारी, चुनाव प्रेक्षक को लिखित में ईवीएम को लेकर शिकायत भी की थी.