दिल्ली/भोपाल। भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. चुनाव आयोग और बीजेपी मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. चुनाव आयोग और बीजेपी ने शारीरिक रूप से चुनाव अभियान को प्रतिबंधित करने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.
रैलियों पर पाबंदी के हाईकोर्ट के फैसले को चुनाव आयोग और बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती - एमपी हाईकोर्ट वर्चुअल रैली आदेश
बीजेपी प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. कोर्ट ने कोविड-19 के चलते उपचुनाव में फिजिकल रैली की जगह वर्चुअल रैली करने के आदेश दिए थे.
चुनाव आयोग की याचिका में कहा है कि चुनाव कराना उसका डोमेन है और हाईकोर्ट का आदेश मतदान प्रक्रिया को बाधित करेगा. चुनाव आयोग ने अपनी अर्जी में कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश से उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रक्रिया प्रभावित होगी. वहीं बीजेपी उम्मीदवार प्रद्युम्न सिंह तोमर ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है. याचिकाकर्ता ने कहा है कि हाईकोर्ट का यह आदेश चुनाव प्रचार के अधिकार का उल्लंघन करता है.
प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अपनी याचिका में कहा है कि चुनाव आयोग उन्हें फिजिकल चुनाव प्रचार की इजाजत देता है, लेकिन कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी है. बता दें कोरोना के चलते प्रदेश हाईकोर्ट ने राजनीतिक पार्टियों को वर्चुअल चुनाव प्रचार करने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने फिजिकल चुनाव प्रचार पर रोक लगाई थी, जिसको लेकर चुनाव आयोग और बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव है, 3 नवंबर को मतदान होना है, जबकि 10 नवंबर को परिणाम आएंगे.