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पार्टियों का सता रही कोरोना काल में कम वोटिंग की चिंता, BJP और कांग्रेस ने पन्ना प्रमुखों को सौंपी जिम्मेदारी - reduced voting in corona period

मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में रानीतिक पार्टियों को वोटिंग कम होने की चिंता सता रही है. कोरोना काल में वोटर को बूथ तक लाने के लिए दोनों ही प्रमुख दलों ने एड़ी- चोटी का जोर लगा दिया है.

Worries about reduced voting in the Corona era
कोरोना काल में वोटिंग कम होने की चिंता

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Published : Oct 13, 2020, 4:17 PM IST

Updated : Oct 15, 2020, 5:49 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में राजनीतिक पार्टियों के सामने कोरोना ने दोहरी चुनौती खड़ी कर दी है. कोरोना से बचाव के लिए राजनीतिक पार्टियों को सोशाल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना पड़ रहा है, वहीं चुनाव में वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाने की चुनौती है. इस बार कोरोना के चलते वोटर को घर से निकालना मुश्किल होगा. मतदाताओं को मतदान केन्द्रों तक लाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं की बड़ी टीम मैदान में उतारी है. दोनों ही पार्टियों की चिंता उन सीटों पर ज्यादा है, जहां उम्मीदवारों की जीत- हार का अंतर कम है. जाहिर है मतदान कम होगा, तो जीत-हार का अंतर भी आएगा.

कोरोना काल में वोटिंग कम होने की चिंता

पन्ना प्रमुख बढ़ाएंगे वोटिंग परसेंटेज

मतदाताओं को बूथ तक लाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने जमीनी स्तर पर तैयारियां की हैं. कार्यकर्ताओं को भी जिम्मेदारी सौंपी गई हैं, ताकि मतदाताओं को बूथ तक लाया जा सकें. बीजेपी ने चुनाव मैदान में कार्यकताओं की बड़ी फौज उतारी है. बूथ और पन्ना प्रमुख तक करीब 60 कार्यकर्ताओं की टीम बनाई गई है. हर पन्ना प्रमुख के पास करीब 40 वोटरों का जिम्मा है, जो उन्हें बूथ तक लेकर आएंगे. इसी तरह कांग्रेस ने भी तैयारियां की हैं. कांग्रेस ने बीजेपी की तर्ज पर 20 मतदाताओं पर एक कार्यकर्ता को तैनात किया है. इस तरह कांग्रेस ने करीब ढाई लाख कार्यकताओं को पन्ना प्रमुख और अर्ध पन्ना प्रमुख बनाया है. इन्हें भी मतदाताओं को बूथ तक ले जाने का दायित्व सौंपा गया है.

इन सीटों को लेकर ज्यादा चिंता

  • कोरोना संक्रमण को लेकर चिंता उन सीटों पर ज्यादा है, जहां जीत-हार का अंतर कम रहा है. इस मामले में देखना दिलचस्प होगा कि, कोरोना कितना असर दिखाता है. सबसे कम जीत- हार के अंतर वाली सीटों में सुवासरा विधानसभा सीट है, जहां हरदीप सिंह डंग सिर्फ 350 वोटों से जीते थे.
  • सुवासरा सीट से बीजेपी के टिकट पर इस बार मंत्री हरदीप सिंह डंग चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं. डंग पिछला चुनाव बमुश्किल 350 वोटों से जीते थे. प्रदेश की सत्ता में हुई उठापठक के दौरान मंत्री बनने डंग ने बीजेपी का दामन थामा था. कोरोना संक्रमण के चलते वोटों का परसेंटेज गिरा, तो खामियाजा उठाना पड़ सकता है.
  • ब्यावरा में कांग्रेस विधायक गोवर्धन दांगी के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है. इस सीट पर जीत-हार का अंतर 826 वोटों का रहा था. इस बार ब्यावरा से बीजेपी के नारायण सिंह पवार और कांग्रेस से रामचंद्र दांगी चुनाव मैदान में हैंं.
  • नेपानगर सीट पर जीत-हार का अंतर 1264 वोटों का रहा था. सुमित्रा कासडेकर इस बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं.
  • मुंगावली से बृजेन्द्र सिंह यादव ने पिछला चुनाव 2,136 वोटों से जीता था, हालांकि इस बार वो बीजेपी के टिकट पर मैदान में हैं.
  • आगर विधानसभा सीट पर जीत-हार का अंतर 2,490 वोटों का रहा था. ये सीट मनोहर ऊंटवाल के निधन से खाली हुई और इस बार बीजेपी से मनोज ऊंटवाल मैदान में हैं.

पिछले चुनाव में वोटिंग प्रतिशत

  • जौरा- 71.35%
  • सुमावली- 71.41%
  • मुरैना- 62.98%
  • दिमनी- 70.14%
  • अंबाह- 59.07%
  • मेहगांव- 63.09%
  • गोहद- 59.3%
  • ग्वालियर- 62.59%
  • ग्वालियर पूर्व- 57.11%
  • डबरा- 68.12%
  • भांडेर- 69.14%
  • करेरा- 73.29%
  • पोहरी- 75.42%
  • बमोरी- 80%
  • अशोकनगर- 74.07%
  • मुंगावली- 74.08%
  • सुरखी- 73.99%
  • बड़ामलहरा- 71.57%
  • अनूपपुर- 71.29%
  • सांची- 66%
  • आगर- 75.03%
  • हाटपिपल्या- 75.09%
  • सुवासरा- 81.93%
  • मांधाता- 78.78%
  • नेपानगर- 70.09%
  • ब्यावरा- 74.3%
  • सांवेर- 73.61%
  • बदनावर- 85.02%
Last Updated : Oct 15, 2020, 5:49 PM IST

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