भोपाल। देश में राजनीति का केंद्र किसान बना हुआ है. नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं. केंद्र की बीजेपी सरकार किसानों को मनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन किसानों की एक ही मांग है तीनों कानूनों की वापसी से कम में कोई समझौता नहीं होगा. भारतीय जनता पार्टी किसान सम्मेलन, किसान चौपाल, कृषि मंत्री की चिट्ठी के माध्यम से किसानों को समझाने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है. यही वजह है कि किसान सम्मेलन आयोजित कर किसानों को करोड़ों की राशि डाली गई. तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी 19 दिसंबर को किसानों के लिए मौन उपवास किया था. अब 28 दिसंबर को एक बार फिर प्रदेश भर के किसानों को भोपाल बुलाकर एक बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में है.
पीएम मोदी ने गिनाए थे कृषि कानूनों के फायदे
बीजेपी ने किसानों को साधने के लिए किसान सम्मेलन आयोजित किया था. जिसमें प्रदेश के 35 लाख किसानों को 1600 करोड़ की राशि डाली गई थी.इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किसानों को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार की तारीफ की थ. साथ ही कृषि कानून के फायदे बताते हुए पिपरिया में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के तहत किसानों को मिली फसल की उचित कीमत का भी उदाहरण दिया था. जिसका प्रसारण सभी पंचायत स्तर पर किसानों के बीच किया गया था.
राज्य के कृषि मंत्री लगा रहे है खेतों में चौपाल
मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल भी कृषि कानूनों को लेकर किसानों के बीच जा रहे हैं. खेतों में किसान चौपाल के जरिए किसानों को नए कृषि कानून के बारे में समझा रहे हैं. कृषि मंत्री कमल पटेल ने हरदा जिले में करीब एक दर्जन गांव में किसान चौपाल लगाई. किसानों के बीच बैठकर कृषि मंत्री ने कृषि कानून को लेकर किसानों किसानों को उसके फायदे गिना रहे हैं.
25 दिसंबर को फिर किसानों से बता करेंगे पीएम मोदी
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस यानी 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के किसानों को एक बार फिर संबोधित करेंगे.इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के 9 करोड़ किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि के 18 हजार करोड़ रूपए की राशि भी ट्रांसफर करेंगे. जिसमें करीब 78 लाख मध्य प्रदेश के किसान शामिल हैं. यानी केंद्र सरकार किसान सम्मान निधि और किसान सम्मेलन के माध्यम से कहीं ना कहीं मध्य प्रदेश से पूरे देश में यह संदेश देने की कोशिश में है कि बीजेपी की सरकार किसान हितैषी सरकार है.