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दमोह शिकस्त के बाद भय में भाजपा! डैमेज कंट्रोल के लिए चार सीटों पर उतारे 17 मंत्री - खण्डवा लोकसभा सीट

मध्य प्रदेश में उपचुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. राजनीतिक दलों ने काम करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में बीजेपी ने चार उपचुनाव में अपने 17 मंत्रियों को मैदान में उतारा है. वहीं बीजेपी संगठन की तरफ से 20 पदाधिकारियों को मोर्चा संभालने की जिम्मेदारी दी गयी है.

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Published : Oct 12, 2021, 8:02 AM IST

भोपाल।बीजेपी ने भले ही बागी प्रत्याशियों का गुस्सा ठंडा कर दिया हो, लेकिन जो बगावत के सुर लगातार उपचुनाव में उठ रहे हैं, उससे होने वाले डैमेज को कंट्रोल करने के लिए बीजेपी ने चार उपचुनाव में अपने 17 मंत्रियों को मैदान में उतारा है. वहीं बीजेपी (BJP) संगठन की तरफ से 20 पदाधिकारियों को मोर्चा संभालने की जिम्मेदारी दी गयी है.

सीएम शिवराज सिंह चौहान.

दमोह उपचुनाव की गलतियों से नहीं सीखा सबक
दमोह उपचुनाव (Damoh by election) में मिली हार के बाद पार्टी ने अपनी रणनीति में ज्यादा बदलाव नहीं किया है. दमोह सीट पर हुए उपचुनाव में प्रबंधन का काम सीएम के खासम खास भूपेंद्र सिंह (BJP Leader Bhupendra Singh) ने संभाला और वहां हार मिली. बावजूद इसके एक बार फिर पार्टी ने भूपेंद्र पर भरोसा जताया है. विधानसभा समेत लोकसभा उपचुनाव की बागडोर उन्हीं को सौंप दी है.

दमोह हार का ठीकरा कांग्रेस के सिर फोड़ा
पार्टी के मुताबिक वहां पर हार के कई फैक्टर थे, जैसे- कांग्रेस से आये राहुल लोधी के खिलाफ जनता का गुस्सा, साथ ही बीजेपी में पूर्व मंत्री जयंत मलैया और उनके समर्थकों का राहुल लोधी का साथ न देना. अब वहीं गलतियां इन उपचुनाव में बीजेपी कर रही है. यहां भी कांग्रेस (Congress Candidate) और सपा के लोगों को टिकट दिया है. ऐसे में बीजेपी को फिर से नुकसान उठाना पड़ सकता है.

17 मंत्रियों के दम पर जीत हासिल करना चाहती है भाजपा.

खंडवा के लिए मैदान में उतारे सात मंत्री
बता दें कि खण्डवा लोकसभा सीट (Khandwa Loksabha Seat) में चार जिले हैं और आठ विधानसभाएं हैं. इसमें सात मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है. पार्टी ने दो टूक कह दिया है कि कैसे भी हो इन सीटों पर जीत चाहिए.

खंडवा सीट पर मंत्री और उनकी जिम्मेदारी

  • बुरहानपुर-यहां की जिम्मेवारी मंत्रीतुलसी सिलावट और इंदर सिंह परमार को दी गई है. दोनों ही लगे हुए क्षेत्रों से आते हैं.
  • खंडवा-यहां विजय शाह, कमल पटेल और मोहन यादव कमान संभालेंगे. हालांकि कमल पटेल और मोहन यादव की इस क्षेत्र पर उतनी पकड़ नहीं है. विजय शाह की क्षेत्र में अच्छी पकड़ है.
  • देवास-यहांउषा ठाकुर मैदान में रहेंगी. यह क्षेत्र भी उषा ठाकुर का जाना माना क्षेत्र है. बागली सीट उन को जितानी है, लेकिन संगठन की तरफ से चिंतामणि मालवीय को भेजा गया है.
    खंडवा चुनावों के लिए भाजपा एक्टिव.

पृथ्वीपुर और जोबट में तीन तीन मंत्रियों को जिम्मेदारी
पृथ्वीपुर में गोपाल भार्गव, अरविंद भदौरिया और भारत सिंह कुशवाह को जिम्मेवारी दी गई है. वहीं जोबट में राज्यवर्धन सिंह, विश्वास सारंग और प्रेम सिंह पटेल कमान संभालेंगे. हालांकि यहां पर पिछली बार कांग्रेस जीती थी. रैगांव बीजेपी की ही सीट थी. यहां पर चार मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है. विजय शाह, रामखेलावन पटेल, बिसाहूलाल सिंह और बृजेंद्र प्रताप सिंह.

कांग्रेस के मंत्रियों को नहीं दी गई जिम्मेदारी
यहां पर गौर करने वाली बात ये भी है कि बिसाहूलाल सिंह और राज्यवर्धन सिंह को छोड़कर कांग्रेस से बीजेपी में आए बाकी मंत्रियों को इन क्षेत्रों में जिम्मेदारी नहीं दी गई. बीजेपी नहीं चाहती कि बिकाऊ का मुद्दा इन क्षेत्रों में कांग्रेस उठा सके. हालांकि पिछले 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बिकाऊ वर्सेस टिकाऊ का कांग्रेस का स्लोगन उतना असरदार नहीं रहा.

जनता को सच्चाई पता चल चुकी है. पूरा प्रदेश ब्लैकआउट की तरफ बढ़ रहा है. महंगाई चरम पर है. लोगों के पास रोजगार नहीं है. बेरोजगार सड़कों पर घूम रहे हैं. इन सब का नतीजा यह होगा कि बीजेपी को जनता उखाड़ फेंकेगी जैसा कि दमोह चुनाव में जनता ने किया था.

नरेंद्र सलूजा, प्रवक्ता, कांग्रेस

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दमोह उपचुनाव की बात भले ही कांग्रेस करे, लेकिन डैमेज कंट्रोल की जरूरत बीजेपी में नहीं बल्कि कांग्रेस में है. यहां पर जो भी मंत्रियों को जिम्मा दिया गया है. वह पहले पार्टी के कार्यकर्ता हैं और बीजेपी चारों उपचुनाव जीतेगी.

दुर्गेश केशवानी, प्रवक्ता, बीजेपी

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