भोपाल। प्रदेश में बर्ड फ्लू का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. 21 जिलों में पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है. अब तक 885 कौवे व 9 बगुले मृत पाए गए हैं. वहीं 9 जिलों में तो बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है. हालांकि अभी तक संक्रमित पक्षियों में कौवे ही सामने आए हैं. लेकिन हाल ही में इंदौर और नीमच में चिकन में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है. जिसके बाद संकट और गहरा हो गया है.
शासन-प्रशासन मुस्तैद
प्रदेश में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शासन-प्रशासन अलर्ट मोड में है. केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से गाइडलाइन्स जारी कीं गईं हैं. पोल्ट्री (चिकन) में बर्ड फ्लू का वायरस मिलने के बाद शासन ने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.
अब तक क्या कदम उठाए गए ?
वायरस की पुष्टि होने के बाद तुरंत ही जिन स्थानों से सैंपल लिए गए थे, उनके 1 किलोमीटर एरिया के दायरे में आनी वाली चिकन शॉप को 7 दिनों तक बंद रखने के निर्देश दिए गए. साथ ही सैनिटाइजेशन भी कराया जा रहा है. इसके अलावा नीमच में तो प्रशासन ने संदिग्ध क्षेत्रों में मुर्गा-मुर्गी की कलिंग (Culling) के आदेश दे दिए हैं. जिसके चलते करीब 400 से ज्यादा मुर्गा-मुर्गी को मारा गया और शहर से बाहर उन्हें दफनाया गया. प्रदेश में नीमच पहला जिला बन गया है, जहां से मुर्गा-मुर्गी की कलिंग शुरू हुई है. संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए दूसरे जिलों में भी इस प्रकिया को अपनाया जा सकता है.
कलेक्टर्स रखेंगे निगरानी
लोगों से भी अपील की गई है कि मृत पक्षी मिलने पर तुरंत प्रशासन को सूचना दें. जांच दल मौके पर पहुंचेगा. सैंपल लेगा और मृत पक्षी को शहर से बाहर दफनाएगा. सभी जिलों के कलेक्टर्स को निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं.
चिकन खाने को लेकर लोगों में कई सवाल
लोगों के जहन में चिकन खाने को लेकर कई सवाल हैं. उन्हें डर है कि चिकन खाने से कहीं वे भी संक्रमण की जद में ना आ जाएं. उनका डर भी लाजमी है, पर एक बात स्पष्ट है कि अगर पका हुआ चिकन खाते हैं, तो संक्रमण के कोई चांस नहीं हैं. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि खतरा नहीं है. खतरा है, क्योंकि संक्रमण की जद में पोल्ट्री वर्कर्स, चिकन बिक्रेता या चिकन साफ करते वक्त सामान्य नागरिक भी संक्रमण की चपेट में आ सकता है. लेकिन अगर सावधानी बरते हैं, तो इस खतरे को कम किया जा सकता है.
चिकन-अंडा कोरोबार प्रभावित