भोपाल। मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा और राष्ट्रीय पेंशन योजना बहाली संगठन के बैनर तले रविवार को भोपाल के कलियासोत मैदान में होने वाले प्रदर्शन के लिये पुलिस ने 10 मार्च को अनुमति जारी कर दी थी. पर शुक्रवार देर रात भीड़ और ट्रैफिक जाम का हवाला देकर अनुमति को निरस्त कर दिया गया. पुलिस ने अनुमति निरस्त करने के पीछे प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों की संख्या को बड़ा आधार बताया है.
जाम लगने की आशंका से पुलिस सख्त, दी चेतावनी
संयुक्त कर्मचारी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह को लिखे पत्र में पुलिस ने कहा है कि अनुमति 5 हजार कर्मचारियों की मांगी गई थी, लेकिन इसमें 25 हजार कर्मचारी प्रदेशभर से आएंगे. जिस जगह पर यह प्रदर्शन प्रस्तावित है, उस विभाग से भी अनुमति नहीं ली गई है. भीड़ आने से सड़कों पर जाम लगने की आशंका है. इसलिए अनुमति निरस्त की जाती है. और यदि इसके बाद भी यदि प्रदर्शन होता है तो कार्रवाई की जाएगी.
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ज्ञात रहे कि मध्यप्रदेश में 1 जनवरी 2005 से मध्यप्रदेश के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बंद करके नई पेंशन योजना लागू कर दी गई है. इसके तहत कर्मचारियों के कुल वेतन का 10% अंशदान कर्मचारी का तथा 12% अंशदान शासन की ओर से मिलाकर शेयर मार्केट में लगा दिया जाता है. इससे कर्मचारियों का भविष्य शेयर मार्केट पर निर्भर हो गया है. रिटायरमेंट के समय कुल जमा राशि का 60% कर्मचारी को नगद दिया जाता है, जिस पर आयकर भी लगता है तथा शेष 40% राशि के ब्याज से कर्मचारियों को पेंशन दी जाती है.
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नई पेंशन योजना से जीवनयापन कठिन
नई पेंशन योजना के तहत रिटायर होने पर कर्मचारी को 600 से लेकर 1200 रुपए प्रतिमाह तक पेंशन मिलेगी. इससे जीवनयापन कठिन है. वृद्धावस्था में सेवानिवृत्ति के पश्चात कर्मचारी को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ सकती हैं. अगर पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी जाती है तो कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के समय मिल रहे अंतिम वेतन का आधा पेंशन के रूप में मिलेगा. समय-समय पर महंगाई भत्ता भी बढ़ता है, जिससे रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी आसानी से अपना जीवनयापन कर सकते हैं.