भोपाल। विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त सचिव स्वामी विज्ञानानंद ने स्वीकार किया है कि भारत में एजुकेशन सेक्टर में पॉलिसी फ्रेमवर्क अच्छा नहीं है. उन्होंने बेबाकी से कहा कि शिक्षा के केन्द्र पंसारी की दुकान नहीं हैं. एजुकेशन सेक्टर में फैकल्टी ट्रेनिंग की व्यवस्था नहीं है. करिकुलम लेटेस्ट होना चाहिए. कैंपस का एनवायरनमेंट अच्छा होना चाहिए. ईटीवी भारत से बातचीत में स्वामी विज्ञानानंद ने कहा कि, ''हम इन सब क्षेत्रों पर काम कर रहे हैं." विज्ञानानंद हिंदुओं की वैश्विक पहचान को स्थापित करने के लिए विश्व हिंदू कांग्रेस संगठन के रूप में काम करते हैं. वे बैंकाक में 24 से 26 नवम्बर के बीच होने जा रही विश्व हिंदू कांग्रेस के आयोजन का आमंत्रण देने आए थे. विज्ञानानंद ने बताया कि, ''संगठन जिस तरह से नैरेटिव को लेकर काम कर रहा है. कश्मीर फाईल्स, द केरला स्टोरी और 72 हूरें जैसी फिल्मे उसी का नतीजा है.''
हिंदूओं का घर, भारत यहां की प्रतिष्ठा पर पहला फोकस: स्वामी विज्ञानानंद के मुताबिक विश्व हिंदू कांग्रेस दुनिया भर में हायर एजुकेशन के क्षेत्र में काम कर रही है, लेकिन पहला फोकस भारत ही है क्योंकि ये हिंदूओं का घर है. उन्होंने बताया कि, ''हम भारत पर भी फोकस कर रहे हैं. स्वामी विज्ञानानंद ने ये मंजूर किया कि अभी भारत में एजुकेशन सेक्टर में और काम किए जाने की गुंजाइश है. केंद्र सरकार तो नई एजुकेशन पॉलिसी लेकर आई है. लेकिन अभी स्टेट्स में और सुधार की गुंजाइश है. सबसे बड़ी बात पॉलिसी फ्रेमवर्क अच्छा नहीं है. स्टेट गवर्नेंस सिस्टम जो है वो पंसारी की दुकान की तरह काम कर रहे हैं. एजुकेशन फैकल्टी ट्रेनिंग की व्यवस्था नहीं हैं. करिकुलम लेटेस्ट होना चाहिए. कैम्पस का अच्छा एनवायरनमेंट बेहद जरुरी है.
क्या धार्मिक संगठनों के साथ आई कट्टरता की छवि पर भी होगा कामः विज्ञानानंद कहते हैं "कट्टरता की बात नहीं है. लड़ाई में व्यक्ति मैकेनाइज्ड आर्मी की तरह लड़ाई लड़ता है. हिंदू समाज को मजबूत करना हमारा लक्ष्य है. इकोनॉमी, एजुकेशन मीडिया, महिलाओं को नेतृत्व वाली जगहों पर 50 फीसदी हिस्सेदारी. युवाओं को भविष्य के लिए ट्रेंड करना हम इसकी कोशिश कर रहे हैं."