भोपाल। मिसरोद गांव के किसान रामेश्चवर पाटीदार इन दिनों अपनी फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए खेत पर ध्यान योग का प्रयोग करते देखे जा रहे हैं. लोग इन्हें कौतूहल भरी निगाहों से देखते हैं. जब यह जानकारी ईटीवी भारत के पास आई तो पूरा मामला समझने के लिए किसान रामेश्चवर से बात की. वे बोले कि अच्छी फसल के लिए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विवि ने एक अभियान शुरू किया है. जब इसके बारे में उन्हें पता चला तो वे जुड़ गए. उनके अनुसार इसका प्रयोग करने से उनकी पैदावार 15 फीसदी तक बढ़ गई.
जैविक खेती करने के लिए किया जा रहा प्रेरितः पूरी जानकारी के लिए इस अभियान को संचालित करने वाली ब्रह्माकुमारी संस्थान की डॉ. रीना से बातचीत की. इसमें पता चला कि यह उनका शाश्वत खेती नामक अभियान है. इसके जरिए किसानों को योग ध्यान के साथ जैविक खेती करने के लिए भी प्रेरित किया जाता है, जब कोई उनकी बात से सहमत होता है तो संस्थान की टीम किसान के खेत में पहुंचकर ध्यान योग करती है. ऐसा करने का मकसद यह है कि फसल में भी आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो सके और ज्यादा से ज्यादा पैदावार किसानों को मिले. डॉ. रीना भोपाल में स्थित ब्रह्माकुमारी संस्थान के रोहित नगर केंद्र की प्रभारी हैं और उन्हीं के गाइडेंस में संस्थान की एक टीम निरंतर मिसरोद क्षेत्र के गांव भोजनगर में यह प्रयोग कर रही है. टीम का दावा है कि ध्यान योग कर खेतों से नकारात्मकता को हटाया है. उन्होंने खेत में बोहनी से पहले ध्यान योग करके बोई जाने वाली फसल के बीज, खाद समेत प्रकृति के पंचतत्व यानी पृथ्वी, आकाश, वायु, अग्नि और जल को वाइब्रेशन दिया था. ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा खेतों में बोई जाने वाली फसल के भीतर पॉजिटिविटी लाने के लिए देशभर में अभियान चलाया जा रहा है.