भोपाल। शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने सीएम राइज स्कूलों को शुरू किया है. लेकिन इसमें भी अनियमितताएं सामने आ रही है. इसे लेकर एक और कांग्रेस जहां भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है, वहीं दूसरी ओर सीएम राइज स्कूल की मंशा पर ही सवाल उठ रहे हैं. इन विशेष स्कूलों में मैनेजमेंट के लिए जो सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी काम कर रही है. उसकी शिकायत EOW में दर्ज की गई है और अब जांच भी शुरु होने की बात सामने आ रही है.
मध्य प्रदेश में सीएम राइस स्कूल के लिए 3 साल का टेंडर जारी हुआ है और इसमें ही अनियमितता का मामला सामने आया है. इसको लेकर EOW में शिकायत की गई है. वहीं दूसरी और कांग्रेस इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग कर रही है. कांग्रेस का कहना है कि यह मामला बच्चों के भविष्य से जुड़ा है लिहाजा सरकार गंभीरता से मामले को ले और गड़बड़ियों को तत्काल दूर करे. हांलाकि मामले में EOW की तरफ से कोई भी औपचारिक बयान अब तक सामने नहीं आया है.
EOW में शिकायत दर्ज:कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने इस मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि जिस बोस्टन कंसल्टेंसी ग्रुप को सीएम राइज स्कूल के 30 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का ठेका दिया गया है, उसके टेंडरों में घोटाले की आशंका है. लिहाजा जब करप्शन की बातें सामने आ रही हैं और EOW में शिकायत दर्ज कराई गई है तो फिर मामले में निष्पक्ष जांच तत्काल कराई जानी चाहिए. आरोप है कि कंपनी में स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों के बच्चों व रिश्तेदारों को नौकरियां दी गई हैं. इसके साथ ही यूनिक टेक्नोलॉजी लिमिटेड ने टेंडर के दस्तावेजों में पंजीकरण दस्तावेज के साथ MOA नहीं लगाया.