MP Dastak Campaign: मध्यप्रदेश में शुरू हुआ 'दस्तक अभियान', 5 साल तक के छोटे बच्चों को दी जाएगी स्वास्थ्य सुविधाएं - MP News
मध्यप्रदेश में आज यानी 18 जुलाई से 'दस्तक अभियान' की शुरुआत की गई है. इस अभियान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करेंगे और घर पर ही उन्हें दवा आदि का सेवन भी करवाएंगे.
मध्यप्रदेश में दस्तक अभियान की शुरुआत
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Published : Jul 18, 2023, 4:04 PM IST
मध्यप्रदेश में 18 जुलाई से दस्तक अभियान
भोपाल।मध्यप्रदेश में 5 साल तक के बच्चों को बीमारियों से दूर रखने और उनके सुचारू इलाज के लिए 'दस्तक अभियान' की शुरुआत की गई है. यह अभियान 18 जुलाई से 31 अगस्त तक पूरे मध्यप्रदेश में चलाया जाएगा, जिसका शुभारंभ स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने भोपाल में किया. इस अभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का निराकरण करेंगे और घर पर ही उन्हें दवा आदि का सेवन भी करवाएंगे. आंगनबाड़ी 741 सुनहरी बाग गीतांजलि चौराहे के पास स्थित केंद्र में स्वास्थ्य मंत्री ने 5 साल से छोटे बच्चों को दवाओं का सेवन भी कराया. इस अभियान में 5 वर्ष के लगभग 3 लाख बच्चे शामिल होंगे.
बेहद कारगार साबित होगा दस्तक अभियानःइस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने कहा कि, ''बच्चों में दस्त, एनीमिया आदि रोगों की रोकथाम के लिए दस्तक अभियान बेहद ही कारगर साबित होगा, लेकिन इसमें लोगों का सहयोग भी जरूरी है. अमूमन देखने में आता है कि अभियान तो शुरू हो जाते हैं, लेकिन आमजन उन अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा नहीं ले पाते. ऐसे में आशा-उषा कार्यकर्ताओं के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि इन अभियानों को सफल बनाएं. जिससे आने वाली पीढ़ी स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुरक्षित हो सके.''
अभियान की खासियत
गंभीर कुपोषित, गंभीर एनीमिया एवं निमोनिया वाले बच्चों की पहचान की जायेगी.
दस्त रोग की पहचान एवं गृहभेंट कर ओआरएस पैकेट का वितरण.
9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाई जाएगी.
आरबीएसके कार्यक्रम के अंतर्गत जन्मजात विकृतियों की पहचान एवं उपचार.
टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों को चिन्हित कर उनका टीकाकरण किया जायेगा.
एएनएम, आशा एवं आंगनबाड़ी के संयुक्त दल द्वारा गृह भेंट कर बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी लेकर जांच की जाएगी.
एएनएम द्वारा 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों की हीमोग्लोबिन की जांच की जाएगी.
समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं में ओआरएस कॉर्नर की स्थापना, जिसमें ओआरएस का घोल बनाने का तरीका एवं उपयोग की विधि समझाई जाएगी.
महिला बाल विकास विभाग के सहयोग से कुपोषित बच्चों की पहचान एवं उपचार किया जाएगा.
सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 के अंतर्गत 7 से 12 अगस्त, 11 से 16 सितंबर एवं तृतीय चरण 9 से 14 अक्टूबर 2023 में आयोजित किया जाएगा, जिसमें 0 से 5 वर्ष के बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं का सर्वे किया जाएगा. छूटे हुए 0 से 5 वर्ष के बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं की ड्यू लिस्ट बनाई जाएगी व टीकाकरण किया जाएगा. अभियान के अंतर्गत एमआर-1 एवं एमआर-2 से छूटे टीके लगाए जाएंगें, ताकि प्रदेश को खसरा एवं रूबेला बीमारी से मुक्त किया जा सके.