भोपाल।एमपी में बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने वाले लोगों के खिलाफ पार्टी ने एक्शन लिया है. पार्टी एक करीबन 35 लोगों को 6 साल के पार्टी से निष्काषित कर दिया है. ऐसे में अब वे पार्टी में 6 साल बाद ही सदस्यता ले सकेंगे. दरअसल, नामांकन वापसी की तारीख निकलने के बाद, अब बीजेपी ने उन बागियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है, जिन्होंने बगावत की थी. इनमें कई विधायक और पूर्व मंत्री भी शामिल हैं. ये सभी वे लोग हैं, जिन्हें पार्टी ने इस विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया है.
पूर्व मंत्रियों के नाम शामिल:निष्काषित लोगों में पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के साथ विधायक केदार शुक्ल , पूर्व विधायक के के श्रीवास्तव, ममता मीना शामिल हैं. इस सूची में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान का नाम भी शामिल है. इनके अलावा ग्वालियर चंबल से पांच बागियों को पार्टी ने हटाया है. वहीं, आदिवासी बाहुल्य आलीराजपुर और उज्जैन से दो-दो नेताओं की छुट्टी कर दी गई है.
अमित शाह की समझाइश जबलपुर में काम आई:पार्टी में बढ़ रहे असंतोष को रोकने के लिए खुद अमित शाह को एमपी में डेरा डालना पड़ा था. वे इन क्षेत्रों में गए. जहां पर पार्टी को अपनो से खतरा था. शाह ने उनसे मुलाकात की और समझाइश भी दी. जिसका असर पार्टी नेताओं में दिखा. उनके बगावती तेवर ठंडे पड़े. हालांकि, अभी भी ऐसे कई बागी है, जो बीजेपी का खेल बिगाड़ सकते हैं.