भोपाल में आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन भोपाल।राजधानी भोपाल में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है. प्रदेश में आशा ऊषा सहयोगिनी कार्यकर्ता संगठन अपनी मांगों को लेकर कई बार प्रदर्शन कर चुका है. साथ ही अपनी मांग सरकार को भेज चुका है, लेकिन इस पर अभी तक कोई विचार नहीं हुआ. जिसके चलते नीलम पार्क में फिर एक बार आशा उषा कार्यकर्ता धरने पर बैठी हैं.
वेतन बढ़ोतरी की मांग:इनका आरोप है कि, आशा कार्यकर्ताओं को दिए जाने वाले भुगतान में कटौती की जाती है. जबकि पोर्टल पर ज्यादा राशि दिखाई जाती है. भुगतान कम राशि का किया जाता है. साथ ही मांग करते हुए कहा कि, आशा पर्यवेक्षक को संविदा नियुक्ति दी जाए. शहरी और ग्रामीण आशा कार्यकर्ताओं को 5 हजार रुपए अलग से भुगतान किया जाए. पेट्रोल भत्ता भी आशा कार्यकर्ताओं को दिया जाए. जिससे उनको आसानी हो सके. आशा पर्यवेक्षकों की वेतन बढ़ोतरी की मांग करते हुए कहा कि 15 हजार महीने आशा पर्यवेक्षकों की सैलरी की जाए.
स्वास्थ व्यवस्था पर असर:आपको बता दें कि, वेतन विसंगति सहित नियमितीकरण की मांग को लेकर आशा ऊषा कार्यकर्ता पिछले कई समय से आंदोलन पर है. जिसके चलते प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले शिशु के टीके भी प्रभावित हुए हैं. आशा ऊषा संगठन के कार्यकर्ताओं का कहना है कि, इस बार दस्तक अभियान में यह शामिल नहीं हुई थी. जिसके चलते वह भी विफल रहा, लेकिन सरकार सिर्फ कागजों पर उसे बेहतर बता रही है. दूसरी ओर गर्भवती महिलाओं को भी कई ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक टीके नहीं लगे हैं. इनके आंदोलन के चलते आमजन को परेशानी हो रहे हैं, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही. ऐसे में सरकार अगर ध्यान नहीं देती है तो आगे और उग्र आंदोलन किया जाएगा.
MP सरकार के खिलाफ आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, आखिर क्यों कर रही हैं धरना-प्रदर्शन देखिए
योजनाओं को बेहतर करने की जिम्मेदारी:आकडे़ के मुताबिक, एमपी में 85000 से अधिक आशा ऊषा कार्यकर्ता हैं. यह ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की स्वास्थ योजनाओं का क्रियान्वयन करती हैं. घर घर जाकर ग्रामीण महिला और परिवारों को सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाती हैं. स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं को बेहतर करने की जिम्मेदारी इन पर रहती है.