भोपाल।श्री गुरू साहिब भी हैं यहां और मंदिर-मस्जिद भी है यहां… एक ही अपना राम है, एक ही अल्लाह ताला है… हम सब भारतीय हैं. यह लाइनें हैं उस गाने की जो राजधानी के पुराने शहर कहलाने वाले जहांगीराबाद बरखेड़ी के एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे गा रहे हैं. नीलम और बुशरा यहां एक साथ मिड डे मील खाती हैं और एक साथ गाने गाती हैं. कहने को तो यह सरकारी स्कूल है, लेकिन अब इसकी तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है. क्योंकि इसे मप्र के पहले सीएम राइज कांसेप्ट स्कूल के रूप में पूरी तरह विकसित कर दिया गया है. यहां पढ़ने वाले बच्चों के पास साफ सुथरी और कलर फुल ड्यूल डेस्क (स्टडी टेबिल कुर्सी) है तो वहीं सामने स्मार्ट बोर्ड पर दुनिया भर का नॉलेज मौजूद है.
थ्री डी फार्मेट में पढ़ाई: टीचर पूरी तरह डिजिटली ट्रेंड हैं और वे इन बच्चों को थ्री डी फिल्म के जरिए विषयों के बारे में जानकारी देते हैं. इन्हीं सब सुविधाओं के चलते बरखेड़ी समेत दूसरे इलाकों में रहने वाले पेरेंट्स अपने बच्चाें का एडमिशन कराने के लिए यहां आकर फॉर्म ले रहे हैं. स्कूल के प्राचार्य आशुतोष पांडेय ने बताया कि यह सीएम राइज कांसेप्ट का पहला स्कूल है. पढ़ाई पहले जैसी है, लेकिन भौतिक संसाधान के कारण बदलाव आया है. फंडामेंटल एफएलएन की क्लासेज है. हर क्लास में स्मार्ट रूप है, विद नेट. जो कठिन विषय होते हैं, उनके बारे में गूगल और यूट्यूब से ढूंढकर थ्री डी फार्मेट में बताया जाता है, ताकि बच्चों को पुस्तक के अलावा समझने में आसानी हो. शिक्षक डिजिटली ट्रेंड हैं, वे भी वोकलवरी को अपडेट करते हैं, बच्चों को बताते हैं. डिजिटल लाइब्रेरी है, फ्रेंडली वातावरण होने के कारण बच्चों को अच्छा लगता है. इसी कारण अन्य स्कूलों से यह स्कूल बेहतर परिणाम दे पा रहा है.