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प्रमोशन न मिलने से नाराज 700 आबकारी अधिकारी 10 अप्रैल से जाएंगे हड़ताल पर, विभाग की बढ़ेंगी मुश्किलें - mp hindi news

मध्य प्रदेश में अहाते बंद करने के बाद हालात बिगड़ गए हैं और आबकारी विभाग की मुश्किलें भी बढ़ने वाली हैं. कारण है कि आबकारी विभाग में काम करने वाले वर्दीधारी सब इंस्पेक्टर और इससे नीचे के सभी अफसर और कर्मचारी हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं. इनकी नाराजगी का कारण है कि इन्हें समय पर प्रमोशन नहीं दिया जा रहा है.

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आबकारी अधिकारी 10 अप्रैल से जाएंगे हड़ताल पर

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Published : Apr 7, 2023, 10:33 PM IST

भोपाल। ''मार्च 2023 में ठेका प्रक्रिया आने के बाद आबकारी विभाग में पदस्थ अधिकारी और कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर किसी भी प्रकार का व्यवधान पैदा नहीं होने दिया. लेकिन अब विभाग की भी जिम्मेदारी बनती है कि हमारी मांगों पर बिना किसी देरी के कार्यवाही करें और हमें पदोन्नति व पदनाम का लाभ दिलाए. अन्यथा हमें मजबूरी में हड़ताल पर जाना होगा.'' यह कहना है आबकारी विभाग में पदस्थ सब इंस्पेक्टर और अफसर-कर्मचारियों का.

प्रमोशन नहीं दिए जाने से नाराज कर्मचारी: कर्मचारियों ने सरकार के रेवेन्यू की खातिर कोविड के दौरान, ठेका शुरू होने के बाद से लेकर अहाते बंद होने तक की स्थिति में मोर्चा संभालकर रखा. लेकिन अब वे हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं. यह लोग इस बात को लेकर नाराज हैं कि इन्हें समय पर प्रमोशन नहीं दिया गया, जबकि दूसरे विभागों में इनके साथ भर्ती होने वाले कर्मचारी प्रमोशन पाकर अफसर बन गए हैं. पूरे मप्र में ऐसे करीब 700 अफसर और कर्मचारी हैं. पदोन्नति के अलावा पदनाम नहीं मिलने से भी यह लोग नाराज हैं. 6 अप्रैल से इन्होंने हाथों पर काली पट्‌टी बांधकर काम शुरू कर दिया है. यदि 9 अप्रैल तक इनकी मांगों का निराकरण नहीं होगा तो फिर यह सड़क पर उतरने से गुरेज नहीं करेंगे.

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2016 से कर रहे हैं प्रमोशन का इंतजार:मप्र के आबकारी अधिकारी वर्ष 2016 से अपने प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं. इनका पदनाम आज भी सहायक आबकारी अधिकारी और आबकारी उप निरीक्षक (Sub inspector) ही है. जबकि अन्य विभाग जैसे राजस्व, पुलिस आदि में एक से अधिक बार पदोन्नति दी जा चुकी है. इनका कहना है कि ''हमारे साथ राजस्व सेवा में आए नायब तहसीलदार अब डिप्टी कलेक्टर बन चुके हैं.'' इन कर्मचारियों ने लिखित में तर्क दिया है कि पदोन्नति और पदनाम देने से शासन पर अलग से कोई वित्तीय भार नहीं आएगा.

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