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MP में जानवर पालना होगा महंगा! रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य, कोडिंग भी जरूरी

मध्यप्रदेश के शहरी क्षेत्रों में पशुओं के लिए नए नियम बनाए गए हैं. अब घर में कुत्ता, बिल्ली, गाय और बैल पालने पर उनका रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा. रजिस्ट्रेशन की दरें भी निर्धारित कर दी गई हैं. हर जानवर का अलग ब्रांडिंग कोड भी होगा. नियमों का उल्लंघन करने पर मालिकों पर दंड लगाने का भी प्रावधान है. इसके लिए सरकार की ओर से नए नियम संबंधी आदेश जारी कर दिया गया है.

Animals will be expensive in MP
जानवरों पर लगेगी कोडिंग

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Published : Feb 26, 2023, 6:19 PM IST

भोपाल।मध्यप्रदेश के शहरी इलाकों में अगर कोई कुत्ता, बिल्ली, गाय, बैल या अन्य जानवर पालना चाहता है तो उसे इन जानवरों का रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसके लिए तय रकम भी चुकानी होगी. ये रजिस्ट्रेशन नगर निगम और नगर पालिका परिषद से कराना होगा. कुत्ते के रजिस्ट्रेशन के लिए 150 रुपए, गाय और बैल के रजिस्ट्रेशन के लिए 200 रुपए शुल्क देना होगा. अन्य जानवरों के ये रजिस्ट्रेशन के लिए 50 रुपए देने होंगे. यह रजिस्ट्रेशन एक साल के लिए किया जाएगा. रजिस्ट्रेशन के दौरान पशु का पहचान चिह्न भी जारी किया जाएगा. इसके बाद हर साल रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराने कुत्ते के लिए 50 रुपए, गाय-बैल के 100 रुपए और अन्य पशुओं के नवीनीकरण के लिए 25 रुपए देने होंगे. नए नियम के तहत अगर आपका पालतू जानवर बाहर घूमता पाया गया या किसी को काट लिया तो इसको भी अपराध के रूप में अंकित किया गया है. जिसके लिए भी दंड की राशि देने के साथ ही उस जानवर का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने तक का प्रावधान है.

एमपी में जानवरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
एमपी में जानवरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
एमपी में जानवरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
एमपी में जानवरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
एमपी में जानवरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य

ये बने नियम
पशुओं का रजिस्ट्रीकरण तथा नवीनीकरण कैसे होगा:

  1. नगर पालिका सीमा में रखे गए या लाए गए प्रत्येक पशु का स्वामी इन नियमों के अधिसूचित होने के 3 माह के भीतर अथवा उनके नगर पालिका सीमाओं में लाए जाने के 7 दिवस के भीतर, पशु के रजिस्ट्रीकरण के लिए संबंधित नगर पालिका के अनुज्ञापन प्राधिकारी को विहित प्रारूप क में आवेदन करेगा. ऐसा करने में असफल रहने पर स्वामी पर ऐसे पशु के रजिस्ट्रीकरण शुल्क का दस गुना शास्ति (जुर्माना) अधिरोपित की जाएगी.
  2. रजिस्ट्रीकरण के आवेदन के साथ, स्वामी परिशिष्ट '1' में यथाविहित रजिस्ट्रीकरण शुल्क का भुगतान करेगा. पशु चिकित्सक द्वारा सम्यक रूप से जारी प्रमाण-पत्र भी प्रस्तुत करेगा कि पशु किसी संक्रामक रोग से पीड़ित नहीं है तथा वह इस प्रयोजन के लिए बनाए गए परिसर में रखे जाने के लिए योग्य है.
    अनुज्ञापन प्राधिकारी, रजिस्ट्रीकरण के पश्चात् पशु चिकित्सक की देखरेख में पशु को माइक्रोचिप अथवा टैग या किसी अन्य अनुज्ञेय साधनों द्वारा ब्रांडिंग कोड लगवाएगा, जिसमें स्वामी की विस्तृत जानकारी होगी. ब्रांडिंग कोड को नगर पालिका के रजिस्ट्रीकरण अभिलेख में भी दर्ज किया जाएगा. ब्रांडिंग कोड की लागत स्वामी द्वारा वहन की जाएगी.
  3. पशु का रजिस्ट्रीकरण एक वर्ष के लिए विधिमान्य होगा. रजिस्ट्रीकरण अवधि की समाप्ति के पश्चात् स्वामी 30 दिनों की अवधि के भीतर नवीनीकरण के लिए प्रारूप क में आवेदन देगा, जिसमें असफल रहने पर विलंब के प्रत्येक दिन के लिए रजिस्ट्रीकरण शुल्क के 10 प्रतिशत की दर से शास्ति अधिरोपित की जाएगी.

कांजी हाउस का निर्माण तथा संधारण:

  1. प्रत्येक नगर पालिका जब्त किए गए आवारा पशुओं को रखने पर्याप्त क्षमता के कांजी हाउस का निर्माण करेगी. किसी ब्रांडिंग कोड के साथ अथवा उसके बिना कोई पशु यदि वह सड़कों पर अथवा उसे रखे जाने के लिए अधिकृत परिसर के बाहर भटकता अथवा बंधा पाया जाए तो वह नगरपालिका द्वारा अधिकृत प्राधिकारी द्वारा जब्त किया जाएगा. कांजी हाउस निरूद्ध किया जाएगा तथा यदि जब्त किए जाने के एक सप्ताह के भीतर स्वामी द्वारा दावा नहीं किया जाता है तो उसका नगर पालिका द्वारा उपयुक्त रीति में निपटान किया जाएगा.
  2. पशु के स्वामी से उसके कांजी हाउस में निरोध की समयावधि के लिए परिशिष्ट '2' में यथाविहित शुल्क के साथ एक मुश्त शास्ति वसूल की जाएगी.
  3. यदि अनुज्ञापन प्राधिकारी के संज्ञान में लाया जाता है कि किसी पशु के सांसर्गिक या संक्रामक रोग से पीड़ित होने का संदेह है तो अनुज्ञापन प्राधिकारी ऐसे पशु के स्वामी को, उस पशु को पशु चिकित्सालय में यथास्थिति उपचार अथवा अवलोकन के लिए भेजने के लिए नोटिस जारी करेगा तथा यदि उस पशु का इलाज संभव नहीं है तो पशुचिकित्सक की अनुशंसा पर उक्त पशु का पशुओं में संक्रामक और सांसर्गिक रोगों का निवारण और नियंत्रण (टीकाकरण प्रमाण पत्र का प्रारूप, मरणोत्तर परीक्षण (पोस्टमार्टम एग्जामिनेशन) की रीति और शव निपटान नियम 2010 (The Prevention and Control of Infectious and Contagious Diseases in Animals (From of Vaccination Certificate, Manner of Post Mortem Examination and Disposal of Carcass) Rules, 2010) में यथाविहित रीति में निपटान किया जाएगा. पशु के इलाज तथा निपटान से संबंधित समस्त व्यय स्वामी द्वारा वहन किए जाएंगे.
  4. यदि कोई ब्रांडेड पशु दो बार से अधिक आवारा भटकते हुए पाया जाए तो अनुज्ञापन प्राधिकारी उक्त पशु के स्वामी को 7 दिवस के भीतर स्पष्टीकरण देने हेतु नोटिस जारी करेगा. यदि अनुज्ञापन प्राधिकारी का स्वामी द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण से समाधान नहीं होता है तो वह रजिस्ट्रीकरण रद्द करने तथा परिशिष्ट '2' में यथाविहित शास्ति वसूल करने हेतु सशक्त होगा. इसके अतिरिक्त, पशु को जब्त किया जाएगा तथा नीलामी द्वारा निपटान किया जाएगा.
  5. ये नियम पशु प्रदर्शन इत्यादि के लिए लाए जाने वाले जानवरों पर भी लागू होंगे. पशुओं को सार्वजनिक स्थान पर ले जाने के लिए सावधानी-किसी पशु का स्वामी या प्राधिकृत नियंत्रक, किसी व्यक्ति को परेशानी या नुकसान से बचाने के लिए, किसी पशु को स्वतंत्र सुरक्षित रूप से थूथनबंद या साजबद्ध किए बिना या जंजीर से बांधे बिना किसी सार्वजनिक स्थान पर नहीं ले जाएगा.

पशुओं को रखने की अपात्रता:

  1. पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम, 1960 (1960 का 59 ) के अधीन किसी पशु के स्वामी को दोषी ठहराए जाने की दशा में न्यायालय उसे ऐसा पशु रखने के लिए तथा पशु अनुज्ञप्ति रखने या प्राप्त करने के लिए ऐसे समय तक के लिए, जैसा कि न्यायालय उचित समझे, अपात्र आदेशित कर सकेगा तथा ऐसे स्वामी को जारी की गई अनुज्ञप्ति निलंबित समझी जाएगी तथा इस प्रकार जारी की गई कोई अनुज्ञप्ति अपात्रता की समय-सीमा में प्रभावहीन होगी.
  2. पशु क्रूरता के अपराध के लिए ऐसे स्वामी की अनुज्ञप्ति निलंबित किए जाने पर संबंधित पशु को स्वामी के व्यय पर संबंधित नगरपालिका के कांजी हाउस में रखा जाएगा.

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खतरनाक पशु:

  1. किसी पशु के खतरनाक होने के संदेह पर या उसे उचित नियंत्रण में न रखे जाने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होने पर अनुज्ञापन प्राधिकारी, स्वामी को उक्त पशु को तत्काल उचित नियंत्रण में रखने का निर्देश देते हुए नोटिस जारी करेगा. उससे 7 दिवस के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को भी कहेगा.
  2. स्वामी द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण से अनुज्ञापन प्राधिकारी का समाधान नहीं होने की दशा में, वह स्वामी को नया नोटिस यह निर्देश देते हुए जारी करेगा कि यदि पशु को 3 दिन के भीतर उचित नियंत्रण में रखने के निर्देश का अनुपालन नहीं किया जाता है तो पशु को जब्त कर उसका निपटान नीलामी द्वारा कर दिया जाएगा.
  3. अनुज्ञापन प्राधिकारी के आदेश विरूद्ध कोई अपील, आदेश जारी करने के 30 दिवस के भीतर यथास्थिति, नगर पालिक निगम की दशा में नगर निगम के समक्ष तथा नगर पालिका परिषद् तथा नगर परिषद् की दशा में परिषद् के समक्ष प्रस्तुत की जा सकेगी.
  4. किसी आक्रामक पशु के स्वामी को ऐसे पशु को सुरक्षित रूप से बांधे बिना स्वतंत्र रखने अथवा किसी व्यक्ति पर हमला करने के लिए जानबूझकर या अनजाने में उकसाने या प्रवृत्त करने के लिए अनुमत नहीं किया जाएगा.

आवारा पशुओं की नसबंदी:सार्वजनिक स्थान पर आवारा-घूमने वाले बिना ब्रांडिंग कोड के किसी पशु को जब्त करने तथा उसका पशु चिकित्सक द्वारा बंध्याकरण (नसबंदी) करने के लिए किसी अधिकारी या अधिकारियों को प्राधिकृत करेगा. नगर पालिका, लागू अधिनियमों तथा नियमों के उपबंधों के अनुपालन के अध्यधीन इस कार्य के लिए, पशु कल्याण संगठनों या गैर सरकारी संस्थाओं को भी सम्मिलित कर सकेगी.

निधियों का उपयोग:रजिस्ट्रीकरण/नवीनीकरण शुल्क तथा जुर्माना प्रभार के रूप में एकत्र किए गए सभी राजस्व का उपयोग निम्नलिखित प्रयोजनों के लिए किया जाएगा- (क) कांजी हाउसों का संधारण और (ख) चारे, स्वास्थ्य देखभाल तथा पशु चिकित्सा सेवाओं की लागत.

निरसन तथा व्यावृति:इन नियमों के प्रारंभ होने के ठीक पूर्व प्रवृत्त समस्त नियम, उपविधियां, तथा निर्देश निरसित किए जाते हैं. परंतु इस प्रकार निरसित उपविधियों के अधीन किया गया कोई आदेश या की गई कोई कार्रवाई, इन नियमों के तत्स्थानी उपबंधों के अधीन किया गया कोई आदेश या की गई कार्रवाई समझी जाएगी.

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